RSS के हाथ में है मोदी सरकार का कंट्रोल? संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिया ये बयान

Update: 2021-12-19 03:58 GMT

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले 40 हजार साल पहले से भारत के सभी लोगों का डीएनए समान है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कई बलिदान दिए हैं. त्याग किया है. इसलिए हमारी संस्कृति आज भी जीवित है. हमारा देश फल-फूल रहा है. हम अपने पूर्वजों का अनुकरण करते हैं. लिहाजा हमारी निष्ठा भी उनके प्रति है.

धर्मशाला में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को मीडिया सरकार का रिमोट कंट्रोल बताता है, लेकिन ये बात कतई सच नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद विश्व गुरु बनने की क्षमता है.
'आरएसएस सरकार का रिमोट कंट्रोल नहीं'
यहां पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि ये सच है कि हमारे कुछ कार्यकर्ता सरकार का हिस्सा हैं, लेकिन मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में प्रस्तुत करता है. इसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. यह असत्य है. सरकार हमारे स्वयं सेवकों को कोई आश्वासन नहीं देती है. लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है. तो मैं ऐसे लोगों को बता दूं कि हमारे पास जो कुछ भी है, उसे हमें खोना भी पड़ सकता है.
'पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है'
चिकित्सा में प्राचीन भारतीय प्रथाओं के बारे में मोहन भागवत ने कहा कि हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार काड़ा, क्वाथ थे. लेकिन अब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का ही पालन करना चाहती है. हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है.
दलाई लामा से मिल सकते हैं भागवत
कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में अपनी जान गंवाने वाले CDS बिपिन रावत समेत सभी 14 लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा. उन्होंने कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों से कई लड़ाई हारी, क्योंकि लोग एकजुट नहीं थे. भागवत ने समाज सुधारक बीआर अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से हारते हैं. एजेंसी के मुताबिक भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं, वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मिल सकते हैं.
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