जयपुर: राजस्थान में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन के कयास लगने शुरू हो गए है। पायलट समर्थक एवं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद के ट्वीट से अटकलों को हवा मिली है। सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले आचार्य प्रमोद का एक ट्वीट भी राज्य की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है। आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर लिखा- 'विषपान करने वाले नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है। आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर सचिन पायलट को जहर की तुलना घूंट पीने वाले नीलकंठ से ही नहीं की है बल्कि श्रावण मास में अभिषेक के तौर पर उन्होंने इशारे ही इशारे में कहा है कि अगले कुछ महीनों में राजस्थान में सत्ता की कुर्सी में बदलाव होगा।
आचार्य प्रमोद सयम-समय पर सचिन पायलट के पक्ष में ट्वीट कर सुर्खियों में आते रहे हैं। इससे पहले भी उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान मीडिया से बात करते हुए आचार्य प्रमोद ने सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाने पर खुलकर नाराजगी जताई थी। हालांकि, आचार्य प्रमोद कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता नहीं है। लेकिन उनके ट्वीट से प्रदेश की राजनीति में फिर से सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बयान के दो दिन बाद पायलट कैंप ने शायराना तंज से जवाब दिया है। पायलट कैंप के विधायक इंद्राज गुर्जर ने ट्वीट कर लिखा- जमीन पर बैठक आदमी कभी नहीं गिरता, फिक्र उनको है जो हवा में है। इस ट्वीट को गहलोत कैंप को जवाब देने के तौर पर देखा जा रहा है। पायलट के बेहद करीबी माने जाने वाले विराट नगर के विधायक इंद्राज गुर्जर ने सीधे तौर पर तो सीएम गहलोत का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन घुमा फिराकर किए गए ट्वीट को गहलोत को जवाब देने के तौर ही देखा जा रहा है। सीएम गहलोत ने शनिवार को कहा कि सरकार गिराने में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट मिले हुए थे। गहलोत के बाद सीएम के बेहद करीबी मंत्री शांति धारीवाल ने भी सचिन पायलट पर जुबानी हमला बोला था। दो दिन के चुप्पी की बाद पायलट कैंप ने गहलोत कैंप को जवाब दिया है।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी का समन देने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट है। लेकिन अचानक ही सचिन पायलट को लेकर सीएम गहलोत बड़ा सियासी बयान दे दिया। गहलोत कैंप के निशाने पर सचिन पायलट आ गए। जानकारों का मानना है कि दिल्ली में राहुल गांधी के समर्थन में जिस तरह से पायलट ने कमान संभाली है और राहुल गांधी ने पायलट के सब्र की तारीफ की है। उससे गहलोत कैंप असहज महसूस कर रहा है। शायद यही कारण है कि सचिन पायलट राजस्थान की सियासत के केंद्र में आ गए है। गहलोत कैंप पायलट पर लगातार हमला बोल रहा है। हालांकि, सचिन पायलट ने कोई जवाब नहीं दिया है। धैर्य से सब कुछ देख रहे हैं।