IPS अरविंद दिग्विजय नेगी गिरफ्तार, लश्कर-ए-ताइबा को दी गोपनीय सूचनाएं, जानें इनके बारे में सब कुछ

Update: 2022-02-19 05:08 GMT

नई दिल्ली: लश्कर-ए-तैयबा को खुफिया जानकारी लीक करने के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी (IPS officer) अरविंद दिग्विजय नेगी (Arvind Digvijay Negi) को गिरफ्तार किया है.

नेगी को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया है. नेगी पर लश्कर के आतंकी को खुफिया दस्तावेज देने का आरोप है. 2011 बैच के IPS अधिकारी को गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें हुर्रियत टेरर फंडिंग मामले (Hurriyat terror funding case) की जांच के बाद उन्हें सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल से नवाजा जा चुका है.
11 साल तीन महीने NIA में प्रतिनियुक्ति (deputation) में रहने के बाद नेगी को उनके कैडर में वापस भेज दिया गया था. नेगी NIA में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले अधिकारियों में शामिल हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों के खुफिया दस्तावेज लीक होने की जानकारी देने के बाद नवंबर में NIA ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में उनके आवास पर छापेमारी की थी.
इस मामले में NIA ने 6 नवंबर 2021 को केस दर्ज किया था. NIA इस मामले में पहले ही 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. NIA के मुताबिक जांच में नेगी की भूमिका संदिग्ध पाई गई. इसके बाद उनकगे घर की तलाशी ली गई. जांच में सामने आया कि नेगी ने गुप्त दस्तावेज लश्कर के एक आतंकी तक पहुंचाए थे.
नेगी NIA की उस टीम का हिस्सा थे, जो फेक करेंसी (fake currency), आईएसआईएस (ISIS) के आतंकियों की भर्ती और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के आर्थिक पोषण के लिए नियंत्रण रेखा (LOC) की दूसरी तरफ व्यापार के संबंधित मामलों की जांच करती थी. नेगी उस NIA टीम का भी हिस्सा थे, जिसने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता वहीद पारा को गिरफ्तार किया था.
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