तीसरी लहर को न्योता: सैकड़ों की संख्या में महिलाएं छोटे बच्चों के साथ पहुंची, लेकिन क्यों?

Update: 2021-07-12 12:39 GMT

जहां पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका बनी हुई है लेकिन फिर भी कई लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं. दरअसल, राजस्थान के भरतपुर में छोटे बच्चों के मुंडन कराने और उनको नजर से बचाने के लिए कुआं वाले मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.

मेले में कई लोग अपने बच्चों को लेकर पहुंचे थे और उनका मुंडन कराने के बाद मुर्गे से आशीर्वाद दिलाया गया. साथ ही झाड़ फूंक कराई गयी. इस दौरान भारी संख्या में महिला और पुरुष अपने छोटे बच्चों को लेकर मेले में पहुंचे. जहां लोगों ने ना तो मास्क पहने थे और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था.
जानकारी के मुताबिक, बच्चों के मुंडन कराने और उनको बुरी नजर से बचाने के लिए मुर्गे से आशीर्वाद दिलाया जाता है. यह मेला साल में एक बार ही लगता है. यह मेला जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास ही लगता है. जहां सैकड़ों की संख्या में महिलाएं अपने छोटे बच्चों को लेकर आती हैं. वहां मुर्गे वाले भी खूब कमाई करते हैं जो बच्चों के सिर पर मुर्गा फेरते हैं और उनको मुर्गे से आशीर्वाद दिलाते हैं.
बताया जा रहा है कि मेले में महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थीं. ना तो उन्होंने खुद मास्क पहना और ना ही अपने बच्चों को मास्क पहनाए जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. यह बच्चों के लिए भी जोखिम भरा साबित हो सकता है.
मुर्गे लेकर पहुंचे लोगों ने बताया कि यह मेला कुआं वाली जात के नाम से जाना जाता है जो साल में एक बार लगता है. इसमें दो साल के बच्चों का मुंडन कराया जाता है.उनके सिर के ऊपर मुर्गा को घुमाया जाता है. जिससे बच्चे किसी भी प्रकार की बुरी नजर से सुरक्षित रहते हैं.
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