ZEEL के मामलो में अब इन्वेस्को की किरकिरी हुई शुरू
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के मामले में अब इन्वेस्को की किरकिरी होनी शुरू हो गई है। बॉलीवुड के दिग्गजों ने भी इसका समर्थन किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- ZEEL-SONY Merger: ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के मामले में अब इन्वेस्को की किरकिरी होनी शुरू हो गई है. ना सिर्फ कॉरपोरेट इंडस्ट्री लीडर्स चाहते हैं कि ZEEL का नेतृत्व पुनीत गोयनका के पास रहे. बल्कि, बॉलीवुड के दिग्गजों ने भी इसका समर्थन किया है. कई दिनों से ZEEL-SONY डील को लेकर इन्वेस्को साजिश में लगा है. डील में अड़ंगा डालना चाहता है. लेकिन, इन्वेस्को के पीछे किसी बड़े कॉरपोरेट घराने का हाथ होने का इशारा मिला है.
इन्वेस्को लगातार ZEEL के बोर्ड में बदलाव करने की बात कर रहा है. यहां तक की कुछ मीडिया हाउस भी ZEE से सवाल पूछ रहे हैं. लेकिन, हकीकत ये है कि इन्वेस्को ने अभी तक इस मामले में कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं दिखाई है. वहीं, ZEEL के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा ने इन्वेस्को की नियत पर सवाल उठाए हैं. इसके बाद तुरन्त बॉलीवुड के दिग्गज ज़ी एंटरटेनमेंट के समर्थन में उतर आए और पुनीत गोयनका को ही कंपनी के MD-CEO पद पर बने रहने की बात कही.
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शोमैन ने उठाया चीनी निवेशक की नीयत पर सवाल
शोमैन के नाम से मशहूर बॉलीवुड के दिग्गज निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने ट्वीट किया- 'चीन का एक छोटा सा निवेशक भारतीय कंपनी ZEECorporte को हिलाने की कोशिश कर रहा है. उस कंपनी को जिसे डॉ. सुभाष चंद्रा ने 30 साल में पूरी तरह भारतीय कंटेंट के दम पर खड़ा किया. मीडिया जगत में पूरी नैतिकता से चलाया. घई से सवाल खड़ा किया कि क्या ये कॉरपोरेट कल्चर के लिए गलत सिग्नल नहीं है?
बोनी कपूर ने जताया पुनीत गोयनका पर भरोसा
वहीं, एक दिग्गज निर्माता-निर्देशक बोनी कपूर ने ट्वीट किया- 'Zee देश का पहला भारतीय चैनल है, जिसे भारतीय राष्ट्रवादी डॉ. सुभाष चंद्रा ने खड़ा किया. जिसने भारतीय मनोरंजन क्षेत्र को हमेशा समर्थन दिया और आगे बढ़ाया. उस पर अब अमेरिकी और चीनी निवेशक परेशान कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि ज़ी एंटरटेनमेंट हमेशा पुनीत गोयनका जैसे जोशीले और भारतीय उद्यमी के हाथ में रहनी चाहिए.
निर्माता-निर्देशक और एक्टर सतीश कौशिक ने भी सुभाष चंद्रा, पुनीत गोयनका और ZEEL का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट किया- 'ZEE देश का पहला भारतीय चैनल है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को इसने हमेशा जबरदस्त सपोर्ट किया है. आज अमेरिकी और चीनी निवेशक इसे हथियाने की कोशिश कर रहे हैं. उम्मीद करता हूं कि ZEE हमेशा सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका जैसे जुनूनी हाथों में रहना चाहिए.' उन्होंने अपने ट्वीट में PMO India को भी टैग किया है. साथ ही लोगों से चीन को बॉयकॉट #boycottchina करने की अपील की है.
फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने ट्वीट किया- 'ZEE TV पहला भारतीय चैनल है, जिसे डॉ. सुभाष चंद्रा ने सींचा है. एंटरटेनमेंट की सबसे बड़ी कंपनी हमेशा भारतीय कंटेंट में आगे रही है. मेरी इंच्छा है कि कंपनी पुनीत गोयनका की लीडरशिप में ही आगे बढे़ और भारतीय मैनेजमेंट के हाथों में ही रहे. सबको इसके बेहतर भविष्य के लिए कामना करनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) में इन्वेस्को निवेशक है और SONY पिक्चर्स के साथ डील के बाद से लगातार बोर्ड में बदलाव की जिद कर रहा है. लेकिन, इस जिद के पीछे किसी और कॉरपोरेट घराने का हाथ है. इसके अलावा चीन की भी इसमें साजिश दिखाई दे रही है. इन्वेस्को को मोहरा बनाकर निवेशकों को गुमराह करने की साजिश हो रही है. SONY पिक्चर्स के साथ अच्छी भली डील में अड़ंगा लगाने की चाल है. इन्वेस्को कई सवालों के घेरे में है. खुद Zee Entertainment के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा ने इस पर इन्वेस्को से सवाल किए हैं. चीन की साजिश नाकाम करने के लिए देशहित में सबको साथ आना होगा. #DeshKaZee पर ट्विट कर आप भी चीन के खिलाफ इस मुहिम में हिस्सा बन सकते हैं.
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इनवेस्को से बड़े सवाल?
1. इन्वेस्को आखिर किसके इशारे पर काम रहा है?
2. इन्वेस्को के पीछे आखिर कौन कर रहा साजिश?
3. निवेशकों के हितों के खिलाफ क्यों है इनवेस्को?
4. किसी कॉरपोरेट घराने की कठपुतली है इन्वेस्को?
5. बिना तजुर्बे वाले बोर्ड मेंबर्स का प्रस्ताव क्यों दिया?
6. इन्वेस्को को सिर्फ 18% की चिंता बाकी का क्या?
7. जब खुद का कोई प्लान नहीं तो फिर अड़ंगा क्यों?
8. इन्वेस्को फाइनेंशियल इन्वेस्टर है या स्ट्रैटेजिक?