यूपी कांग्रेस के नए अध्यक्ष का इंटरव्यू, अजय राय ने कहा- राहुल गांधी को याद कर रही अमेठी की जनता

Update: 2023-08-27 04:33 GMT
लखनऊ: पांच बार के विधायक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दो बार चुनाव लड़ कर चर्चा में आए अजय राय को कांग्रेस पार्टी ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने पदभार ग्रहण करने बाद आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा है कि जनता अब भाजपा के झूठे वादों से तंग आकर एक बार फिर राहुल गांधी को याद कर रही है। पार्टी पूरे दमखम से लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। 2024 कांग्रेस का होगा और आने वाले दिनों में हम भाजपा को एक्सपोज करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले उत्तर प्रदेश संगठन की बागडोर पूर्वांचल के जुझारू और तेजतर्रार नेता माने जाने वाले अजय राय के कंधो पर डाल दी है। अजय राय के सामने न केवल पार्टी के संगठन को खड़ा करने, बल्कि 2024 के लोक सभा चुनाव में पार्टी को बढ़त दिलाकर अपने सांगठनिक कौशल को साबित करने की एक बड़ी चुनौती है। यह चुनौती इसलिए भी ज्यादा बड़ी है, क्योंकि उनके और कांग्रेस के सामने भाजपा जैसा सत्तारूढ दल है, जो चुनावी प्रबंधन की कला में माहिर मानी जाती है। वह आने समय में संगठन में क्या कैसे करेंगे। इन्हीं मुद्दों उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत की। राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाने की घोषणा के बाद स्मृति ईरानी लगातार उन्हें घेर रही है। इस बारे में पूछे जाने पर अजय राय ने कहा कि जब व्यक्ति झूठी और ठगने वाली बात करता है तो परेशान होता है। स्मृति ने चुनाव के दौरान कहा था कि कमल का बटन दबाओ और 13 रुपए किलो चीनी ले जाओ। आज वह अमेठी की सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन 13 रुपए में चीनी नहीं उपलब्ध करवा पा रही हैं। इसीलिए परेशान हैं, घबराई हुई हैं। राहुल गांधी का अमेठी से रिश्ता राजनीतिक नहीं बल्कि पीढ़ियों का है। वहां की जनता उनके कार्यकाल को याद कर रही है। अमेठी के लोगों की मांग है कि राहुल गांधी को यहां से अगला चुनाव लड़ना चाहिए। क्योंकि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए कभी झूठ का सहारा नहीं लिया।
अध्यक्ष बनने के बाद की चुनौती पर उन्होंने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव में करीब आठ महीने बाकी हैं, ऐसे में हम अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त कर रहे हैं। इस दौरान आपको सड़कों पर भी हमारा संघर्ष देखने को मिलेगा। भाजपा के बने आवरण को जनता के सामने एक्सपोज कर देंगे। इनके हवा का जो बड़ा गुब्बारा फूला हुआ है, वह पिचक जाएगा। यह लोग सत्ता में बैठकर सिर्फ अत्याचार और अन्याय कर रहे हैं। यह लोग सिर्फ ईडी, सीबीआई और बुलडोजर चला रहे हैं। जनता के मन से भय दूर करना है। इन्हें (भाजपा को) सत्ता से बेदखल करना है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियों के सवाल पर नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से तैयार है। जनता इनके खिलाफ खड़ी है। अब माहौल बन रहा है। लोग कांग्रेस से तेजी के साथ जुड़ रहे हैं। कार्यकर्ताओं में उत्साह है। लोग भरपूर समर्थन और सहयोग करेंगे। आने वाला 2024 का साल कांग्रेस का ही है।
आपके अध्यक्ष बनने के बाद आपकी पार्टी के कुछ लोग नाखुश है, इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुद्दों पर लड़ती नजर आयेगी। तब निश्चित तौर पर सब साथ होंगे और कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। जो थोड़ी बहुत परेशानी होगी, उसे आपस में बैठकर दूर कर लेंगे।
इंडिया गठबंधन में सपा भी शामिल है, इससे पहले भी आपका गठबंधन इनके साथ रहा है। इसके नीतेजे ज्यादा खास नहीं रहे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि गठबंधन के बारे केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। हमसे जो सुझाव मांगेगे वो हम देंगे। अभी हम पूरी 80 सीटों की तैयारी कर रहे हैं। सारे विषयों पर निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है। सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर अजय राय ने कहा कि बड़ा दिल रखने पर चीजें आ रही हैं। बड़ा दिल सामने वाले को रखना होगा। छोटे दिल से कुछ नहीं होगा। वक्त बताएगा कौन सी चीज कैसे होगी। सीट बंटवारे और जो भी होगा यह सब केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। ललितेश पति त्रिपाठी के पार्टी में आने की गुंजाइश पर उन्होंने कहा कि उन्हें तय करना है। उनके परिवार बहुत ही प्रतिष्ठित रहा है। जो छोड़ के गए हैं आज कहां हैं कहीं पता नहीं चल रहा है। कमलापति त्रिपाठी का बहुत सम्मान है। मैंने अध्यक्ष बनने के बाद उनकी मूर्ति पर माला चढ़ाकर आशीर्वाद लिया है। ऐसे में उन्हें खुद तय करना है उन्हें कहां रहना है।
पूर्वांचल के भूमिहार समाज में अजय राय दमदार चेहरा हैं। उन्हें अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने सवर्ण कार्ड भी खेला है। उन्होंने भाजपा से राजनीति की शुरुआत की। फिर समाजवादी पार्टी से होते हुए कांग्रेस में शामिल हुए। अजय राय लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। साल 1996 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। वो 2007 तक विधायक रहे। इसके बाद भाजपा आलाकमान से मतभेद के चलते उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। साल 2009 में उन्होंने मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सांसदी का चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद यहां भी ज्यादा दिन नहीं रहे और निर्दलीय ही पिंडरा से उपचुनाव जीतकर विधायक बने। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। राय दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। पहले 2014 और फिर 2019 में इन्होंने चुनाव लड़ा था।
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