बुद्धिजीवियों के संगठन ने हथियार प्रशिक्षण शिविर पर चुप्पी को लेकर असम सीएम की आलोचना
गुवाहाटी: बुद्धिजीवियों के संगठन असम सिविल सोसाइटी ने मंगलदोई कस्बे के एक स्कूल में राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा आयोजित हथियार ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) शिविर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की चुप्पी को लेकर उनकी आलोचना की है।
एसीएस अध्यक्ष और गुवाहाटी हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील हाफिज राशिद अहमद चौधरी ने आईएएनएस को बताया, ''स्कूल में करीब 350 युवाओं को चार दिनों तक ट्रेनिंग दी गई। वे खुलेआम हथियार लहराते नजर आए, लेकिन पुलिस चुप रही। यह घटना भले ही सार्वजनिक हो गई है, इसकी व्यापक स्तर पर आलोचना भी हो रही है। लेकिन हथियार प्रशिक्षण शिविर में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।"
राशिद अहमद चौधरी ने यह भी कहा कि एक कैबिनेट मंत्री और एक पूर्व भाजपा विधायक ने प्रशिक्षण शिविर को समर्थन की पेशकश की थी, लेकिन आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री ने इसके खिलाफ कुछ नहीं कहा है। चौधरी ने पूछा कि इस मामले में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा राष्ट्रीय बजरंग दल के समर्थन में थे? एसीएस सदस्यों ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
राशिद अहमद चौधरी ने कहा कि यदि यही काम किसी मुस्लिम समूह ने किया होता, तो हमारा अनुमान है कि मुख्यमंत्री ने निश्चित रूप से दूसरी तरह से प्रतिक्रिया दी होती। हमने निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखने का फैसला किया है, और हम हथियार प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने वाले संगठन के सभी सदस्यों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग करते हैं।