हुगली: विज्ञान और तकनीक के इस युग में भी पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में संकीर्ण रूढ़िवादी परंपरा का मामला देखने में आया. ऐसी एक घटना आरामबाग के वृंदावनपुर की है जहां पर आदिवासी लड़की से प्रेम विवाह रचाने के बाद जब दूसरे संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाला लड़का अपने ससुराल में गया तो वहां उसके साथ गलत व्यवहार किया गया.
अपनी पत्नी के राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड समेत अन्य जरूरी दस्तावेज लेने पति ससुराल गया तो आदिवासी समाज के लोगों ने उसका घेराव करके उसकी अच्छी खासी खबर ली. यहां तक आदिवासी लड़की से शादी करने वाले दामाद को ससुराल वालों के तरफ से थप्पड़ भी खाने पड़े.
घटना की खबर मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. इस दौरान आदिवासी संप्रदाय के आक्रोश से बचने के लिए दूसरे संप्रदाय के दामाद में कान पकड़ कर दंड बैठक की और आदिवासी संप्रदाय के बुजुर्गों के पांव भी पकड़े. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जाकर मामला निपट पाया.
आदिवासी संप्रदाय के सभापति ने बताया कि उनके समाज में की लड़कियां यदि दूसरे संप्रदाय के लड़के से विवाह करती है तो उसका बहिष्कार किया जाता है. उसका संप्रदाय उस लड़की को कभी अपनाता नहीं है. यदि अपने संप्रदाय में लड़कियां विवाह करती है तो उसे देवता के आसन पर बैठा कर उसकी पूजा की जाती है.
बताया जा रहा है कि आलमबाग के बादलकना इलाके के रहने वाला युवक अपने ससुराल के नजदीक आरामबाग के वृंदावनपुर इलाके में स्थित एक आईटीआई कॉलेज में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था. इसी दौरान उसका परिचय एक आदिवासी संप्रदाय की लड़की से हुआ और धीरे-धीरे दोनों में मेलजोल बढ़ने लगा और उनका प्यार भी परवान चढ़ने लगा.
5 महीने पहले परिवारवालों की रजामंदी के खिलाफ युवक ने आदिवासी लड़की से शादी रचा ली जिसके बाद लड़की के परिजनों का गुस्सा अपने दामाद पर फूट पड़ा. लड़की के परिवारवालों ने फोन पर लगातार अपने दामाद को गालियां और अपशब्द बके जबकि लड़की के परिवार वालों ने उल्टे आरोप लगाया कि लड़की के जरूरी दस्तावेज की मांग करते हुए उसके दामाद ने फोन पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. यहां तक उन्हें धमकियां भी दी.