दिल्ली एनसीआर: जनपद गाजियाबाद में कृषकों को पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने, कृषि उत्पादों पर ओवररेटिंग तथा कालाबाजारी रोकने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं। इसके अलावा सभी सहकारी समिति, गन्ना समिति एवं निजी प्रतिष्ठान पर डिमांड के अनुरूप यूरिया उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके मद्देनजर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय सभागार में कृषि एवं सहकारिता विभाग के अलावा थोक उर्वरक विक्रेता, बफर स्टॉकिस्ट एवं कंपनी प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में डीएम ने उर्वरकों की ससमय व्यवस्था कराने, उर्वरकों की बिक्री के साथ कृषि उत्पादों की टैगिंग रोकने, ओवररेटिंग एवं कालाबाजारी पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए।
जिला कृषि अधिकारी डॉ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में कुल कृषि क्षेत्रफल 50939 हेक्टेयर है। जिसके सापेक्ष कुल 22980 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होगी। विभाग ने डिमांड को ध्यान में रखकर जरूरत से ज्यादा यूरिया की खरीद की है। बैठक में डीएम ने सभी थोक उर्वरक विक्रेता तथा उर्वरक प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि यूरिया एवं डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग न की जाए।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि सभी पुरानी पीओएस मशीनें बदली जा रही हैं। 143 के सापेक्ष 101 पीओएस मशीनें मिल चुकी हैं। इनमें से 28 मशीनों का वितरण कर दिया गया है। शेष मशीनें जल्द वितरित कर दी जाएंगी। डीएम ने ब्लॉकवार उर्वरकों की खपत की रिपोर्ट नियमित रूप से सीडीओ को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। कृषि उत्पादों पर ओवररेटिंग एवं कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यूरिया उर्वरक की कमी की शिकायत भी नहीं मिलनी चाहिए।