अरवल: बिहार के अरवल के थाने में तैनात दरोगा की बंद कमरे मौत का मामला सामने आया है. जानकारी मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने दरोगा के कमरे का दरवाजा तोड़कर उसे वहां से बाहर निकाला. जिसके बाद दरोगा को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह मामला अरवल टाउन थाना क्षेत्र से सामने आया है.
अरवल टाउन थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह मोहर्म पर्व को लेकर दरोगा की ड्यूटी लगाई गई थी. तभी ड्यूटी पर तैनात दरोगा की बंद कमरे में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मी काफी देर से दरोगा का इंतजार कर रहे थे. पुलिसकर्मियों ने उन्हें फोन लगाया, लेकिन दरोगा ने फोन नहीं उठाया. जिसके बाद पुलिस कर्मी उनके कमरे तक पहुंच गए. वहां, पहुंचकर पुलिसकर्मी काफी देर तक दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन दूसरी ओर से कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद पुलिसकर्मी ने खिड़की से झांक कर देखा, तो दरोगा बेड पर बेहोश अवस्था में पड़े हुए थे.
इस घटना की जानकारी पुलिसकर्मियों ने थाना अध्यक्ष को दी. थानाध्यक्ष ने कमरे के दरवाजे को तोड़कर दरोगा को बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. दरोगा की पहचान गोपालगंज जिले के निवासी रमेश श्रीवास्तव के रूप में हुई है. दरोगा की पोस्टिंग अरवल जिले में जनवरी 2019 में हुई थी. वह बैच 1989 के सिपाही थे. उनका परिवार पटना में रहता है. फिलहाल मौत के कारणों का पता नहीं लग पाया है. वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है, ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके.