मासूम की खतना के 8 घंटे बाद मौत, परिजन सदमें में

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Update: 2024-08-13 15:23 GMT
Bareilly. बरेली। बरेली में 40 दिन के मासूम की खतना के 8 घंटे बाद मौत हो गई। आरोप है कि नाई ने लापरवाही से गलत नस काट दी। ब्लीडिंग नहीं रुकने पर घरवाले मासूम को जिला अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद नाई फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मासूम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की। मामला फतेहगंज पूर्वी का है। शिवपुरी निवासी रफीक अहमद ने कहा - मेरा पोता अरफान डेढ़ महीने का था। घरवालों ने उसका खतना कराने के लिए रविवार सुबह 11:30 बजे टिसूआ गांव के नाई कबीर को बुलाया। इस आयोजन में रिश्तेदार भी मौजूद थे। कबीर ने खतना के दौरान गलत नस काट दी। जिससे खून ज्यादा बहने लगा। कबीर ने कहा- चिंता मत करिए थोड़ी देर में ब्लीडिंग रुक जाएगी। हम लोग ब्लीडिंग थमने का इंतजार करने लगे। पोता लगातार रो रहा था।

कुछ देर में बच्चा सुस्त हो गया। रफीक ने बताया- हमें एहसास हुआ कि बच्चे के साथ कुछ गलत हो गया है। हम शाम 7:30 बजे उसे लेकर अस्पताल गए। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की मौत हो चुकी है। नाई कबीर को बच्चे की मौत के बारे में पता चला तो वह फरार हो गया। बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने कहा - मुस्लिम समुदाय में खतना अनिवार्य है। इसमें सावधान जरूरी है। बच्चा जब 6 दिन का होता है, तब भी कुछ लोग खतना कराते हैं। कई बार 1 साल से 8 साल की उम्र तक खतना कराया जाता जाता है। मगर नाई या किसी भी ऐसे व्यक्ति से नहीं कराना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर के पास जाएं। आज सभी शहरों में सर्जन हैं, जो पूरी सावधानी के साथ इस काम को करते हैं। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के रिटायर्ड एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राजकुमार ने कहा - खतना बहुत ही नाजुक प्रक्रिया है। इसे बिना सर्जन के नहीं करना चाहिए। कई बार ब्लीडिंग से बच्चे की मौत हो जाती है। कई बार इन्फेक्शन फैलने का खतरा रहता है। इसलिए सर्जन से ही खतना करवाएं। रफीक ने अपने पोते मो. अरफान की मौत के बाद नाई कबीर के खिलाफ थाने में शिकायत दी। कबीर के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की। SP साउथ मानुष पारीक ने बताया- नाई के खिलाफ आरोपों की जांच हो रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हम इंतजार कर रहे हैं। नाई कबीर को जल्द पकड़ लिया जाएगा।
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