नई दिल्ली (आईएएनएस)| नौसेना नवाचार स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) की प्रौद्योगिकी और ड्रोन के स्वदेशी विकास, निर्माण और परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) ने साझेदारी के लिए समझौता किया है। इससे भारतीय नौसेना के लिए काउंटर-ड्रोन और इससे संबद्ध प्रौद्योगिकियां विकसित होंगी। इस सहयोग के एक हिस्से के रूप में टीडीएसी और डीएफआई नौसेना-उद्योग-अकादमिक तालमेल को बढ़ाएंगे, घटक स्वदेशीकरण की दिशा में स्रोत प्रौद्योगिकी विकास चुनौतियों का सामना करेंगे। भारतीय ड्रोन उद्योग के लिए विशेष रूप से समुद्री वातावरण में ड्रोन के तेजी से विकास और परीक्षण की सुविधा के लिए एक विशेष समुद्री ड्रोन परीक्षण स्थल भी निर्धारित किया जाएगा।
इसके अलवा, इस सहयोग के एक हिस्से के रूप में संवेदीकरण और कौशल विकास पर कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
भारतीय नौसेना के ओआईसी टीडीएसी के वीएसएम कमोडोर ए.पी. गोलाया ने कहा, "टीडीएसी भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग की जाने वाली स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाने की दिशा में काम कर रहा है। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ हमारा सहयोग हमें एक गहरा उद्योग कनेक्शन विकसित करने में मदद करेगा और ड्रोन प्लेटफार्मो को शामिल करने के लिए एक मजबूत रोडमैप तैयार करेगा।"
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा, "भारतीय ड्रोन उद्योग के लिए बेहतर ड्रोन प्लेटफॉर्म बनाने और परीक्षण करने के लिए भारतीय नौसेना के साथ साझेदारी करना गर्व का क्षण है। इस पहल के तहत विकसित की जा रही समुद्री परीक्षण साइट बहुमुखी और विश्वसनीय ड्रोन प्लेटफॉर्म के विकास में तेजी लाई जाएगी। इससे समुद्री गश्त, चलते जहाजों पर ड्रोन लैंडिंग, जहाज से जहाज की डिलीवरी, जहाज से किनारे तक सामान की डिलीवरी जैसे कार्य आसान हो जाएंगे।"