अजमेर। अजमेर किशनगढ़ मानसून की विदाई के साथ ही केकड़ी, ब्यावर, अजमेर और टोंक जिले की जीवन रेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध का जलस्तर गिरने लगा है। 20 दिन बाद बांध का जलस्तर 313.73 मीटर पर पहुंच गया है. 21 सितंबर को भी बीसलपुर बांध का जलस्तर 313.73 था. बांध के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के कारण बांध में लगातार पानी की आवक होती रही. इससे बांध का जलस्तर लगातार बढ़ता गया। 22 तारीख को बांध का जलस्तर 313.74 मीटर पर पहुंच गया. इसके बाद 26 सितंबर तक बांध का जलस्तर स्थिर रहा। 30 सितंबर को बांध का जलस्तर 2 सेंटीमीटर बढ़कर 313.76 मीटर हो गया. पांच अक्तूबर तक जलस्तर 313.76 पर रहा. जबकि इस दौरान बांध से अजमेर, टोंक, जयपुर, केकड़ी और ब्यावर जिलों के लिए लगातार पानी छोड़ा जा रहा था. लेकिन लगातार पानी की आवक के चलते बांध में पानी बरकरार रहा। छह अक्टूबर से बांध का जलस्तर एक सेंटीमीटर गिरकर 313.75 पर आ गया है।
इसके बाद 8 और 9 अक्टूबर को यह फिर गिरकर क्रमश: 313.74, 313.73 पर आ गया. विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बांध में जनवरी 2025 तक पानी है। 20000 एमएलडी पानी की बचत: बांध से हर दिन करीब 1000 एमएलडी पानी निकाला जाता है। इसमें 300 से 330 एमएलडी पानी अजमेर ब्यावर व केकड़ी को दिया जाता है। इसमें से किशनगढ़ को 25, ब्यावर को 26 और केकड़ी को 15.5 एमएलडी पानी मिलता है। वहीं, बांध से जयपुर और टोंक जिलों को 700 एमएलडी पानी दिया जाता है. लेकिन पांच जिलों के लिए बांध से पानी निकाले जाने के बाद भी बांध का जलस्तर कम नहीं हुआ. यानी बारिश से 20 हजार एमएलडी पानी बच गया. ^बांध का जलस्तर कई गुना बढ़ गया। यह कई दिनों से स्थिर है. क्योंकि कैचमेंट एरिया में बारिश के कारण लगातार पानी की आवक बनी हुई है. जबकि रोजाना पानी सप्लाई होने से जलस्तर एक सेंटीमीटर कम हो जाता है। हालांकि अब इसमें कमी आ रही है।