कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को लोगों को वॉर्निंग दी है कि आने वाले समय में महंगाई और बढ़ेगी. उन्होंने सरकार से कहा कि वह महंगाई से लोगों की रक्षा करे और तुरंत कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि महंगाई सभी भारतीयों पर एक टैक्स (Tax) है, जिसकी रिकॉर्ड वृद्धि ने रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले ही गरीबों और मिडिल वर्ग की कमर तोड़ दी थी. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल और गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने के कारण खुदरा मुद्रास्फीति (Inflation) फरवरी में आठ महीने के उच्चतम 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई और थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 13.11 प्रतिशत हो गई.
राहुल ने इससे पहले पांच राज्यों में पार्टी की करारी हार के बाद भी बीजेपी पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने एफडी, पीपीएफ, ईपीएफ और महंगाई से जुड़े आंकड़े अपने ट्वीट करते हुए पूछा है कि क्या सरकार की जिम्मेदारी जनता को राहत देने की नहीं है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि सरकार की गलत नीतियों का परिणाम आम नागरिक झेल रहा है. एफडी- 5.1 प्रतिशत, पीपीएफ- 7.1 प्रतिशत, ईपीएफ- 8.1 प्रतिशत, खुदरा महंगाई दर- 6.07 प्रतिशत और थोक महंगाई दर- 13.11 प्रतिशत है.
कुछ दिन पहले केरल की यात्रा पर गए राहुल ने कहा केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आज यह साफ है कि हमारे देश में शासन कर रहे लोग गुस्सा और नफरत फैला रहे हैं तथा देश को बांट रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आप सरकार के फैलाए गुस्से का नतीजा देख सकते हैं. आप देख सकते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था को क्या हुआ, बेरोजगारी, महंगाई का स्तर देखिए.' उन्होंने कहा कि लोगों को बांटा जा रहा है और वे मिलकर काम नहीं कर रहे, इसलिए यह हो रहा है. राहुल ने कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि अगर पड़ोसी खुश नहीं है तो वे भी कुछ समय बाद खुश नहीं रह सकेंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि नफरत का जवाब नफरत या गुस्से से देने से समाधान नहीं निकलेगा, नफरत से लड़ने का एकमात्र तरीका प्यार और लगाव का है. उन्होंने कहा, 'इसलिए लोगों को दूसरों को खुद की तरह देखना चाहिए। हमारे सामने यही काम है.'