नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय नौसेना का आईएनएस त्रिकंद अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास में शामिल हो रहा है। यह अंतर्राष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास खाड़ी क्षेत्र में 16 मार्च तक आयोजित किया जा रहा। इसको 'अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास कटलैस एक्सप्रेस 2023' नाम दिया गया है। भारतीय नौसेना के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास कटलैस एक्सप्रेस का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और क्षेत्र में समुद्री लेन को समुद्री वाणिज्य के लिए सुरक्षित रखना है। 'अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास कटलैस एक्सप्रेस 2023' (आईएमएक्स) विश्व के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यासों में से एक है। भारत के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह भारतीय नौसेना की पहली आईएमएक्स सहभागिता है, यह दूसरे अवसर को भी चिन्हित करता है, जहां सीएमएफ द्वारा आयोजित अभ्यास में एक भारतीय नौसेना जहाज हिस्सा ले रहा है। मौजूदा समुद्री अभ्यास 26 फरवरी से शुरू हुआ है और 16 मार्च तक जारी रहेगा। इससे पहले, 22 नवंबर को आईएनएस त्रिकंद ने सीएमएफ के नेतृत्व वाले ऑपरेशन सी स्वॉर्ड 2 में भाग लिया था।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सी. स्वॉर्ड 2 और आईएमएक्स सीई-23 जैसे अभ्यासों में सहभागिता भारतीय नौसेना को आईओआर में समुद्री भागीदारों के साथ संबंधों को सुदृढ़ बनाने और अंतर-पारस्परिकता और सामूहिक समुद्री क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाती है। यह नौसेना को क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा में रचनात्मक योगदान करने में भी सक्षम बनाती है।
वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना के कमांडर सोमवार 6 मार्च से समुद्र में सैन्य-रणनीतिक चर्चा करने जा रहें। भारतीय नौसेना के कमांडो की यह मुलाकात समुद्र में होगी। समुद्र पर हो रही इस रणनीतिक चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल रहेंगे। रक्षा प्रमुख, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के प्रमुख भी बाद के दिनों में नौसेना के कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे। तीनों सेनाओं के बीच तालमेल कायम रखने और त्वरित कार्रवाई से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना इसका उद्देश्य है।
यहां नौसेना कमांडरों को 22 नवंबर को भारतीय नौसेना में लागू की गई 'अग्निपथ योजना' पर नवीनतम जानकारी भी दी जाएगी। गौरतलब है कि मार्च के अंत में, अग्निवीरों का पहला बैच आईएनएस चिल्का से पास आउट होने वाला है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अग्निवीरों का पहला बैच भी शामिल है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2023 का नौसेना कमांडरों का प्रथम सम्मेलन 6 मार्च को शुरू होगा। यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के एक प्लेटफार्म के साथ-साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए एक संस्थागत मंच के रूप में कार्य करता है।
इस वर्ष कमांडरों के सम्मेलन का पहला चरण समुद्र में आयोजित किया जा रहा है। यह बात इस सम्मेलन की नवीनता है। साथ ही, पहली बार यह सम्मेलन भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है।