भारत के पहले वोटर: घर पर ही बैलेट पेपर से मतदान किया, मिली ये सुविधा
आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरण नेगी ने बुधवार को अपने घर पह ही बैलेट पेपर से मतदान कर दिया है।
शिमला: आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरण नेगी ने बुधवार को अपने घर पर ही बैलेट पेपर से मतदान कर दिया है। प्रशासन ने उनके मतदान के लिए खास व्यवस्था की थी। रेड कारपेट पर चलकर उन्होंने मतदान किया। चुनाव आयोग की टीम उनके लिए रेड कारपेट लेकर पहुंची थी। नेगी की उम्र इस समय 105 साल है। 1951 में उन्होंने ही सबसे पहले मतदान किया था। वह कन्नौर जिले के कल्पा के रहने वाले हैं।
इस बार चुनाव आयोग ने कोविड संक्रमित और बुजुर्ग वोटरों के लिए विशेष व्यवस्था की है। ऐसे असमर्थ लोगों के लिए घर पर ही वोट डालने की सुविधा दी गई है। वैसे 12 नवंबर को हिमाचल विधानसभा का चुनाव होना है। इस तरह के वोटरों को जिला प्रशासन ने फॉर्म 12D उपलब्ध करवा रहा है। इके जरिए वे घर से ही अपना मतदान कर सकते हैं।
किन्नौर के डिप्टी कमिश्नर आबिद हुसैन ने कहा, श्याम सरण नेगी एक लीजेंड हैं। हम चाहते थे कि उनका मतदान खास बनाया जाए। इसीलिए विशेष व्यवस्था भी की गई थी। इससे पहले वह चाहते थे कि घर से नहीं बल्कि पोलिंग बूथ पर जाकर ही मतदान करें। हालांकि तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्होने अपना फैसला बदल दिया। उन्होंने अपने घर पर ही फॉर्म भरकर अपना मतदान किया।
नेगी के सबसे छोटे बेटे चंदन प्रकाश ने कहा, मेरे पिता लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। आज भी वह अपना मतदान करते हैं और देश के लोगों के लिए मिसाल बनए हुए हैं। जब तक वे समर्थ थे, खुद चलकर मतदान केंद्र पर पहुंचते थे। हालांकि अब काफी कमजोर हो गए हैं और बूथ तक जाने में दिक्कत होती है। बता दें कि राज्य में 80 साल से ऊपर के लगभग 1 लाख 22 हजार वोटर हैं। वहीं 1190 लोगों की उम्र 100 के भी ऊपर है। कांगड़ा की सुल्लाह विधानसभा सीट पर 2936 बुजुर्ग वोटर हैं।
हिमाचल प्रदेश में चुनावी जनसभाओं में भी बड़ी संख्या में बुजुर्ग शामिल होते थे। इनमें से बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने आजादी का संघर्ष देखा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मां की उम्र भी 84 साल है। पोस्टल बैलेट 80 साल से ऊपर वालों को दिए जा रहे हैं। 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी।