भारत की बेटी अंतरिक्ष में भरेगी उड़ान, सिस्टम इंजीनियर के रूप में रॉकेट ट्रिप का हिस्सा होंगी
पहले मर्करी मरीन रेसिंग कार डिजाइन किया.
महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर कल्याण से निकलकर संजल गावंडे ने पहले मर्करी मरीन रेसिंग कार डिजाइन किया. बाद में अमेरिका में अंतरिक्ष रॉकेट बनाने वाली टीम का हिस्सा बनकर उसने अपने सपनों को उड़ान तो दिया ही, कल्याण का नाम भी रोशन किया है. 20 जुलाई 2021 को ब्लू ओरिजिन कंपनी का रॉकेट अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा. जिसमें कल्याण की रहने वाली संजल गावंडे सिस्टम इंजीनियर के रूप में रॉकेट ट्रिप का हिस्सा होंगी. संजल एक युवा महिला है, जो कल्याण के कोलसेवाड़ी से सात समुद्र पार अमेरिका के मिशिगन, शिकागो, कैलिफोर्निया और अब सियाटेल की प्रवास कर चुकी हैं. जिसकी प्रशंसा आज पूरा शहर कर रहा है.
संजल गावंडे का जन्म कल्याण पूर्व के कोलसेवाड़ी परिसर के हनुमाननगर इलाके में हुआ था. स्कूली पढ़ाई कोलसेवाड़ी के मॉडल स्कूल में पूरा किया. उसके बाद हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की पढ़ाई उसने बिड़ला कॉलेज से पूरी की. वाशी के फादर एग्नेल कॉलेज से सन 2011 में संजल में मुंबई विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग भी पास किया. इस कोर्स को पास करते हुए उन्होंने जीआरई, टोफेल जैसी कठिन परीक्षाएं भी पास कीं. इन सभी परीक्षा अंकों के आधार पर उन्होंने मिशिगन टेक यूनिवर्सिटी, यूएसए में एमएस के लिए आवेदन किया.
कड़ी मेहनत और सॉफ्टवेयर हार्डवेयर कौशल में विशेषज्ञता रखने वाली संजल को ब्लू ओरिजिन द्वारा न्यू शेपर्ड मिशन के लिए चुना गया है. उनकी मां सुरेखा गावंडे ने कहा है कि 20 जुलाई, 2021 को लॉन्च होने वाली न्यू शेपर्ड की टीम में चुने जाने के बाद संजल का बचपन का सपना सच हो गया है.
उसका कैलिफोर्निया जाने का सपना था और उसे ऑरेंज सिटी, कैलिफॉर्निया में एक प्रतिष्ठित कंपनी, टोयोटा रेसिंग डेवलपमेंट का कॉल आया. यहीं से संजल ने मैकेनिकल डिजाइन इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू कर दिया. वह रेसिंग कारों के इंजन डिजाइन कर रहीं थी. बड़ी मेहनत से संजल को आखिरकार 2018 में अपने कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल गया. महिला पायलटों के 90-90 अंतर्राष्ट्रीय संगठन की अध्यक्ष भी बनीं.
संजल के पिता अशोक गावंडे कल्याण डोंबिवली महापालिका कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे जो अब सेवानिवृत हो चुके हैं और मां सुरेखा गावंडे एमटीएनएल में काम करती थीं. संजल माता-पिता की इकलौती संतान हैं.
संजल की कामयाबी से उसके माता-पिता बेहद खुश हैं. संजल की मां ने बताया कि जब संजल मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने गई तो रिश्तेदारों ने कहा कि लड़की को मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई क्यों करवा रहे हो? लेकिन हमने उनकी बातों पर गौर नहीं किया और उसके हर फैसले में उसका साथ दिया. उसकी मेहनत रंग लाई और आज उसका सपना पूरा हो गया.
संजल की आगे की शिक्षा मिशिगन टेक यूनिवर्सिटी से शुरू हुई. 2013 में प्रथम श्रेणी पास करने के बाद संजल ने मैकेनिकल में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. संजल को 2013 में, संजल विस्कॉन्सिन के फॉन्ड्युलेक में एक प्रसिद्ध कंपनी मर्करी मरीन में जॉब मिली. लेकिन उसका सपना आसमान की ऊंचाई को छूना था. इसलिए संजल शांत कहां बैठने वाली थी. उसके बाद अमेरिका की मिशिगन टेक यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री प्राप्त की. आसमान में उड़ने की दृढ़ इच्छा रखने वाली संजल ने हवाई जहाज उड़ाने के लिए 18 जून 2016 को पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया और ऊंची उड़ान भरने लगी.