भारत की सीमाएं होंगी और मजबूत, देश के 19 जिलों में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
नई दिल्ली (आईएएनएस)| प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी दी है। इसके तहत देश की उत्तरी सीमाओं पर बसे गांवों में इंफ्रास्ट्रक्च र का विकास किया जाएगा। इसके लिए 4800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा इसका संचालन किया जाएगा।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत भारत की सीमाओं, खासतौर पर भारत-चीन बॉर्डर पर बसे गांवों में इंफ्रास्ट्रक्च र पर काम किया जायेगा। जानकारी के मुताबिक केंद्र द्वारा चलाई जा रही इस योजना के दो मुख्य उद्देश्य हैं। एक, बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्च र को मजबूत करना और दूसरा, यह सुनिश्चित करना कि रोजगार के लिए लोगों को सीमावर्ती गांव न छोड़ने पड़ें। यही नहीं इससे सीमा की सुरक्षा में भी सुधार होगा।
गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना 19 जिलों, 46 सीमावर्ती ब्लॉकों, 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तरी सीमा पर आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास और आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी। यह समावेशी विकास प्राप्त करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में भी मदद करेगी। पहले चरण में 663 गांवों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान बनाएगा। इसमें केंद्र और राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी। इन प्रयासों में सभी मौसम में सड़क, पेयजल, 24 घंटे बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र शामिल होंगे। यह बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम से अलग होगा। खास बात ये है कि 4800 करोड़ में से 2500 करोड़ सिर्फ सड़कों पर खर्च होंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि बॉर्डर पर बसे कम आबादी वाले इन गांवों में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्च र सही से विकसित नहीं हुए हैं। अक्सर ये गांव डेवलपमेंट से छूट जाते हैं। लेकिन अब इन गांवों पर खास ध्यान दिया जायेगा। उत्तरी सीमा पर बसे ऐसे गांवों को इस वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत डेवलप किया जाएगा।