राहत सामग्री के साथ भारत का 7वां प्लेन तुर्की और सीरिया के लिए रवाना, कंबल और स्लीपिंग मैट जैसी हैं जरूरी चीजें

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Update: 2023-02-12 00:47 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आज तक 

नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में जैसे-जैसे भूकंप से तबाही और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ठीक उसी तेजी के साथ भारत दोनों देशों के लिए मदद बढ़ाता जा रहा है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरपोर्ट से राहत सामग्री के साथ 7वां प्लेन भी तुर्की और सीरिया के लिए रवाना हो चुका है. इस फ्लाइट में भूकंप पीड़ितों के लिए जीवन रक्षक दवाएं, फील्ड हॉस्पिटल, कंबल और स्लीपिंग मैट जैसी जरूरी चीजें हैं. सातवीं फ्लाइट रवाना होने की जानकारी खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी है.
अधिकारियों के मुताबिक शनिवार शाम को रवाना किया गया 7वां विमान सबसे पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क पहुंचेगा यहां राहत सामग्री उतारने के बाद यह फ्लाइट तुर्की के अडाना के लिए रवाना हो जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि विमान 35 टन से ज्यादा राहत सामग्री ले जा रहा है, जिसमें से 23 टन से ज्यादा सामग्री सीरिया में और करीब 12 टन तुर्की पहुंचाई जाएगी. सीरिया को भेजी जाने वाली सहायता में स्लीपिंग मैट, जनरेटर सेट, सोलर लैंप, तिरपाल, कंबल, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं और आपदा राहत सामग्री जैसी राहत सामग्री शामिल हैं.
वहीं, तुर्की को भेजी गई मदद में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों के लिए आपूर्ति, ईसीजी, रोगी मॉनिटर, एनेस्थीसिया मशीन, सिरिंज पंप और ग्लूकोमीटर जैसे चिकित्सा उपकरण शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक राहत सामग्री की खेप में कंबल और अन्य राहत सामग्री भी शामिल हैं. बता दें कि तुर्की में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में पहले ही भूकंप में घायल हुए कई लोगों को चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है.
यह पूरी मदद 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत की जा रही है. इस ऑपरेशन को भारत ने भूकंप आने के कुछ देर बाद ही लॉन्च कर दिया था. बता दें कि अब तक भूकंप के चलते तुर्की और सीरिया में 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बता दें कि भारत, तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों के लिए बढ़-चढ़कर मदद कर रहा है.
सेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए अब तक तुर्की और सीरिया में मोबाइल अस्पताल, दवाइयां और कई राहत सामग्रियों से भरी 5 फ्लाइट भेजी जा चुकी हैं. इसके अलावा एक C-130 जे विमान पर भी राहत सामग्री भेजी गई है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश मिलने के बाद तुर्की को हर संभव मदद देने का फैसला लिया गया था, जिसके बाद एनडीआरएफ की खोज और बचाव टीमों, चिकित्सा टीमों और राहत सामग्री को तुर्की के लिए तत्काल भेजने का फैसला किया गया था.
एक के बाद एक 5 झटकों से दहला तुर्की
तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वीं झटका आया.
इससे पहले दो बार और आए भयंकर भूकंप
तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. 1999 में आए भूकंप में 18,000 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. बता दें कि सीमावर्ती सीरिया में भी भूकंप ने तबाही मचाई, जिसकी खौफनाक तस्वीरें सामने आईं.
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