यूक्रेन में फंसे भारतीय: परिजनों का बेटी से 48 घंटे से नहीं हो पा रहा संपर्क

Update: 2022-03-02 06:15 GMT

मुंबई: यूक्रेन में जारी संकट के बीच हजारों भारतीय छात्र अब भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. कुछ ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण ले ली है तो कुछ ऐसे भी हैं, जिनके घरवालों का उनसे संपर्क ही नहीं हो पा रहा है. ऐसा ही एक केस माहाराष्ट्र के औरंगाबाद से सामने आया है. उस्मानाबाद में रहने वाली कलिंदा थिटे ने एजेंसी को बताया कि उनकी बेटी निकिता इस वक्त यूक्रेन में फंसी हुई है. मंगलवार रात उनका निकिता से आखिरी बार फोन पर कॉनटेक्ट हुआ था. इसके बाद से निकिता से संपर्क नहीं हो पा रहा है.

पेशे से शिक्षिका कलिंदा ने कहा कि उसे आखिरी बार 2 दिन पहले निकिता का संदेश मिला था. उन्होंने बताया कि निकिता कीव से 830 किलोमीटर दूर लुगांस्क स्टेट मेडिकल कॉलेज में MBBS की चौथी वर्ष की छात्रा है. उन्होंने आगे बताया कि निकिता की ऑनलाइन क्लास चल रही थीं, इसलिए वह किराए के अपार्टमेंट में अपने दोस्तों के साथ कीव में रह रही थी. रूसी हमले शुरू होने पर उसे एक बंकर में भेज दिया गया था. यहां वह अपने दोस्तों के साथ थी. कलिंदा ने बताया कि उन्हें निकिता का आखिरी संदेश सोमवार को मिला था कि वह सुरक्षित है और दूतावास जा रही है. उसने व्हाट्सएप के जरिए अपनी लोकेशन भी साझा की थी. लेकिन अब उसके दोस्तों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है. निकिता की मां ने सरकार से उसे भारत लाने की अपील की है.

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