भारतीय रेलवे: इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन के बारे में जानें

Update: 2022-05-16 03:52 GMT

Indian Railway: रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. भारतीय रेल से हर रोज बड़ी संख्या में लोग यात्रा करते हैं. रेल यात्रा लोगों के बजट में भी होती है और आरामदायक भी होती है. यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे समय-समय पर कई बदलाव करता है. समय बदलने के साथ ही ट्रेन की टेक्नोलॉजी में भी काफी बदलाव हुआ है. भारतीय रेल की कोशिश ये है कि वो इलेक्ट्रिक लाइन या इंजन पर जायदा फोकस करे. जिस पर लगातार इलेक्ट्रिक लाइन बिछाने का काम चल भी रहा है, इसके साथ भारतीय रेल में डीजल इंजन का भी लगातार प्रयोग चल रहा है.

रेलवे में मुख्य तौर पर इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन ट्रेनें ही चलाई जाती हैं. भारतीय रेल ने 80 और 90 के दशक में डीजल इंजन पर ज्यादा जोर दिया, क्योंकि ये किफायती थे. लेकिन नए दौर में इलेक्ट्रिक इंजन एक बेहतर और अच्छा विकल्प रेलवे को मिला है और उसके बाद कई जोन में तो अब पूरी तरह से इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें हो गई हैं.
डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक इंजन में कम खर्च इलेक्ट्रिक इंजन को चलाने में आता है. असल में डीजल के बढ़ते हुआ दामों की वजह से अब यह कम किफायती भी पड़ता है.
इलेक्ट्रिक इंजन को ओवर हेड इक्यूमेंट से बिजली मिलती है. इलेक्ट्रिक इंजन के मुकाबले डीजल इंजन बहुत भारी होता है, इलेक्ट्रिक इंजन में कई नए कंपोनेंट कम होते हैं. डीजल इंजन के मुकाबले असल में इलेक्ट्रिक इंजन OHE से बिजली लेकर उसे इस्तेमाल करने लायक बनाता है. जबकि एक डीजल इंजन, डीजल की मदद से इंजन के भीतर ही बिजली बनाता है और इस्तेमाल करता है. इस वजह से डीजल इंजन में ज्यादा कंपोनेंट होते हैं. लिहाजा, इलेक्ट्रिक इंजन के उपकरण डीजल इंजन के उपकरण के मुकाबले कम और हल्के होते हैं.
ट्रेन को पटरियों को गति देने के लिए टैक्शन मोटर लगाया जाता है असल में ये मोटर तय करते हैं कि कौन सा इंजन कितना ज्यादा पावर फुल है. इस मोटर पर जितना अधिक लोड पड़ेगा ये उतना ही अधिक शक्ति के साथ आगे ट्रेन को ले जाएगा. इलेक्ट्रिक इंजन के मुकाबले डीजल इंजन ज्यादा लोड मोटर पर डालता है इसलिए डीजल इंजन ज्यादा पॉवरफुल होता है.
इस बात को उदाहरण के तौर पर भी समझा जा सकता है. इलेक्ट्रिक इंजन में WAP 4 इंजन (5 हजार हॉर्सपावर) और डीजल इंजन में WDP 4D इंजन (4500 हॉर्सपावर) के वजन में अच्छा-खासा अंतर है. जहां WAP 4 इंजन का वजन करीब 113 टन होता है, वहीं दूसरी ओर WDP 4D इंजन का वजन करीब 123 टन है. यहां दोनों इंजन के वजन में सीधे-सीधे 10 टन यानि 10 हजार किलो का अंतर है.
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