कैमूर: इंडियन ऑयल ने समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में शानदार परिचालन प्रदर्शन किया है। इंडियन ऑयल ने इस वर्ष निवेश पर जहां अब तक की सर्वाधिक राशि खर्च की है। वहीं, पेट्रोलियम उत्पादों की बाजार हिस्सेदारी में भी सम्मानजनक वृद्धि हासिल किया है।
इस प्रदर्शन पर इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एस.एम. वैद्य ने कहा है कि चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक स्थितियों के बावजूद, हमारी टीमों की दृढ़ता और हमारे सामने आने वाली हर चुनौती से ऊपर उठने का दृढ़ संकल्प उल्लेखनीय रहा। उत्कृष्टता के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता के परिणाम स्वरूप इंडियन ऑयल ने परिचालन में बेहतरीन प्रदर्शन हासिल किया है।
उन्होंने कहा है कि इंडियन ऑयल रिफाइनरियों ने पिछले वर्ष के 67.67 मिलियन मीट्रिक टन की तुलना में 72.4 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक का अब तक का सर्वाधिक थ्रूपुट हासिल किया। पाइप लाइनों का उत्पादन 2021-22 में करीब 83.25 एमएमटी से बढ़कर 2022-23 के दौरान अब तक का उच्चतम 94.7 एमएमटी हो गया। इस वर्ष के दौरान करीब 2450 किलोमीटर का अब तक का सर्वाधिक पाइपलाइन विस्तार भी दर्ज किया गया।
मार्केटिंग में इंडियन ऑयल ने साल-दर-साल लगभग 14 प्रतिशत की पीओएल बिक्री वृद्धि हासिल की है। इसकी पेट्रोलियम उत्पादों की बाजार हिस्सेदारी 2021-22 में 40.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 42.9 प्रतिशत हो गई। पेट्रोल की बिक्री में 19.2 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, डीजल की बिक्री में करीब 19.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एलपीजी की बिक्री में करीब एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ल्यूब्रीकेंट ब्रांड सर्वो ने 701 टीएमटी की अपनी उच्चतम बिक्री मात्रा दर्ज की। यह 2020-21 में 24.9 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 27.1 प्रतिशत तक बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि का अनुवाद करता है।
इंडियन ऑयल की ग्रीस बिक्री ने भी पिछले वित्तीय वर्ष में करीब आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। मार्केटिंग नेटवर्क का विस्तार भी इंडियन ऑयल के लिए एक दृढ़ फोकस क्षेत्र रहा है। 2022-23 के दौरान, कंपनी ने 1784 आउटलेट चालू किए, जो पीएसयू की कमीशनिंग का करीब 46 प्रतिशत है। इंडियन ऑयल फ्यूल स्टेशन नेटवर्क के अब देश भर में फैले हुए 36 हजार 285 आउटलेट हैं। पिछले साल पांच एविएशन फ्यूल स्टेशन भी चालू किए, जिससे कुल संख्या 132 हो गई। सात इंडेन बॉटलिंग प्लांट के साथ कुल मिलाकर 108 तथा तीन डिपो और टर्मिनल कुल मिलाकर 120 हो गए।
शानदार परिचालन प्रदर्शन के अलावा कंपनी ने कैपेक्स उपयोग में भी प्रभावशाली परिणाम दिए हैं। निवेश पर अब तक की सर्वाधिक 35 हजार 205 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई, जो आवंटित लक्ष्य का 123 प्रतिशत है। कंपनी ने अपनी खुद की परियोजनाओं में 34 हजार 388 करोड़ रुपये तथा संयुक्त उद्यमों और सहायक कंपनियों में 817 करोड़ रुपए निवेश किया है। कंपनी वर्तमान में विभिन्न पैमानों की 120 चल रही परियोजनाओं की देखरेख कर रही है, जिनकी कुल पूंजी लागत करीब 2.4 लाख करोड़ है। यह निवेश स्थाई विकास हासिल करने और भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए इंडियन ऑयल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।