भारतीय नौसेना ने किया अरब सागर में 20 दिनों का संयुक्त समुद्री अभ्यास

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपने पश्चिमी कमान (Western Command) की अभियान तैयारियों को मजबूती देने और नौसेना, वायुसेना व थलसेना के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए अरब सागर में 20 दिनों का ‘पश्चिमी लहर’ संयुक्त समुद्री अभ्यास (Maritime Exercise) किया.

Update: 2022-01-26 17:33 GMT

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपने पश्चिमी कमान (Western Command) की अभियान तैयारियों को मजबूती देने और नौसेना, वायुसेना व थलसेना के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए अरब सागर में 20 दिनों का 'पश्चिमी लहर' संयुक्त समुद्री अभ्यास (Maritime Exercise) किया. एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई. नौसेना के बयान में कहा गया है कि एक्सपीएल-22 नामक अभ्यास मंगलवार को संपन्न हुआ. इसमें कहा गया है कि अभ्यास में भारतीय नौसेना के 40 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों ने हिस्सा लिया.

बयान में कहा गया है कि इसके अलावा वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई और जगुआर समुद्री हमला विमान, विमान में हवा में ईंधन भरने वाला विमान और वायु चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली (एडब्ल्यूएसी) को तैनात किया. वहीं, नौसेना के पी8आई समुद्री विमान, डोर्नियर, आईएल-38एसडी मानवरहित हवाई प्रणाली और मिग29के हमलावर विमान को तैनात किया गया था. इसमें कहा गया है कि लंबे अंतराल के बाद तटरक्षक की तटीय गश्त नौका, त्वरित गश्त नौका को भी तैनात किया गया था. भारतीय थल सेना की भी विभिन्न हथियार प्रणालियों को तैनात किया गया था. बयान में कहा गया है, 'अभ्यास ने पश्चिमी नौसेना कमान की जिम्मेदारी वाले पूरे इलाके में, इसमें भाग लेने वाले सभी बलों को समकालिक समुद्री चुनौतियों का जवाब देने के लिए वास्तविक परिस्थितियों में एकसाथ संचालित होने का अवसर प्रदान किया.'
आज नौसेना की झांकी में 1946 के विद्रोह को दर्शाया गया
वहीं, आज 73वें गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय नौसेना की झांकी में 1946 के नौसैनिक विद्रोह को दर्शाया गया, जिसने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था. इसकी मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व एक महिला अधिकारी ने किया.गौरतलब है कि 18 फरवरी, 1946 को रॉयल इंडियन नेवी के 'तलवार' जहाज पर सवार नौसैनिकों द्वारा विद्रोह शुरू किया गया था और बाद में 78 जहाज इसका हिस्सा बन गए. गणतंत्र दिवस परेड के दौरान झांकी में नौसेना की 'कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल एंड कोहेसिव' (युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय और एकजुटता) नीति को प्रदर्शित किया गया. नौसैनिक दल में 96 पुरुष, तीन प्लाटून कमांडर और एक टुकड़ी कमांडर शामिल थे. इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने किया, जो भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 314 में तैनात एक पर्यवेक्षक अधिकारी हैं.
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