दिल्ली। मस्कट में फंसे भारतीय परिवार ने विदेश मंत्रालय से स्वदेश वापसी की गुहार की है। परिवार का आरोप है कि पिछले तीन महीनों से भारतीय दूतावास ने ठोस मदद नहीं की है इससे खतरा महसूस हो रहा है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा कि दूतावास परिवार के संपर्क में हैं। लेकिन यह ऐसा मामला नहीं है कि परिवार को वहां से निकालने की जरूरत हो। इस बीच, मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर परिवार की मदद करने का अनुरोध किया है।
सुशील पांडे मस्कट में ओमान ट्रेडिंग इस्टेबलिसमेंट एलएलसी में कार्यरत हैं। यह हुंडई कार की स्थानीय वितरक कंपनी है। वह 13 सालों से सोहर शाखा के प्रबंधक हैं। उनकी पत्नी मीना पांडे ने 'हिन्दुस्तान' को भेजी शिकायत में कहा कि उनके पति पर कंपनी ने शिकायत दर्ज कराई है। बाद में उनसे कहा गया कि वे एक स्थानीय कार्मिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करें और उनके खिलाफ शिकायत वापस ले ली जाएगी। लेकिन तीन माह बाद भी शिकायत वापस नहीं ली गई। स्थानीय कार्मिक भी उनके खिलाफ हो गए हैं। वे दो बच्चों के साथ वहां रह रहे हैं तथा खतरा महसूस कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने विदेश मंत्री को पत्र लिख भारत वापस लाए जाने की मांग की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मामला संज्ञान में है। उन्हें कानूनी सहायता भी पेश की है। परिवार को कोई खतरा नहीं है। दोनों बच्चे स्कूल जा रहे हैं। कंपनी ने सुशील पांडे के विरुद्ध धन की गड़बड़ी की शिकायत की है। लेकिन वे अभी भी कंपनी में हैं। उन्हें आंशिक वेतन दिया जा रहा है। दूतावास उनकी मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। लेकिन यह ऐसा मामला नहीं बनता है कि उन्हें तुरंत वहां से निकाला जा सके।