भारतीय सेना को मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक, केंद्र सरकार ने दिया सप्लाई का ऑर्डर

भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है.

Update: 2021-09-23 14:39 GMT

भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है, क्योंकि भारत सरकार थल सेना के लिए सरकारी क्षेत्र के उपक्रम हैवी वेहिकल्स फैक्ट्री (एचवीएफ) से नई क्षमताओं से लैस 118 मुख्य युद्धक टैंक अजुर्न एके-1ए खरीदेगी। सेना की लड़ाकू क्षमताओं में इजाफे के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को 7,523 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय सेना की खातिर 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन की खरीद को लेकर एक करार को अंतिम रूप दिया। मंत्रालय ने अर्जुन एमके-1ए टैंकों के लिए हेवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को यह ऑर्डर दिया है। यह एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का नया संस्करण है, जिसमें 72 नई विशेषताएं और एमके-1 संस्करण से अधिक स्वदेशी उपकरण हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'रक्षा मंत्रालय ने 23 सितंबर को भारतीय थल सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन एमके -1 ए की आपूर्ति के लिए हेवी व्हीकल फैक्ट्री, अवडी, चेन्नई को एक ऑर्डर दिया।' इसमें कहा गया है कि 7,523 करोड़ रुपये के इस ऑर्डर से रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा मिलेगा तथा यह 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्रालय ने कहा कि टैंक दिन और रात के दौरान सटीकता के साथ लक्ष्य को साधने के अलावा, सभी तरह के इलाकों में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेंगे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अर्जुन एमबीटी अद्यतन करते हुए इसे विकसित किया है। अर्जुन भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक है।
मंत्रालय ने कहा कि एमके-1ए सटीक मारक क्षमता वाला टैंक है और सभी तरह के क्षेत्रों में गतिशीलता में सक्षम तथा उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणालियों से लैस है। यह दिन और रात, दोनों स्थिति में दुश्मन से मुकाबला कर सकता है। इसने कहा कि हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री को मिले इस आर्डर से 'एमएसएमई' सहित 200 से अधिक भारतीय कंपनियों के लिए रक्षा निर्माण में एक बड़ा अवसर खुलेगा और करीब 8,000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पहला एमके-1ए टैंक 14 फरवरी 2021 को थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवने को चेन्नई में सौंपा था। इन टैंकों के मिलने के बाद भारतीय सेना जमीन पर पहले से और ज्यादा मजबूत हो जाएगी। इस टैंक के डिजाइन को डीआरडीओ ने तैयार और विकसित भी किया है।
बता दें कि भारतीय सेना के बेड़े में पहले से ही 124 अर्जुन टैंक शामिल हैं। अब और 118 टैंक शामिल होने जा रहे हैं। सेना में पहले शामिल टैंक को पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात किया गया है। इन 118 टैंकों से दो रेजिमेंट बनेगा। डीआरडीओ काफी समय से इसको अपडेट करने में जुटा हुआ है। साल, 2004 में देश में ही निर्मित अर्जुन टैंक को सेना में शामिल किया गया था। इस टैंक को काम में लेने के बाद सेना ने इसके उन्नत वर्जुन के लिए कुल 72 तरह के सुधारों की मांग की थी। डीआरडीओ ने सेना के सुझावों को शामिल करते हुए हंटर किलर टैंक तैयार किया था। मार्च में पोखरण में ही इसका परीक्षण किया गया, जिसमें खरा उतरा। लेकिन सेना ने कुछ और सुधार की डीआरडीओ को कही थी।
अर्जुन टैंक की खासियत
टैंक में डीआरडीओ के चार सुधारों के बाद अब इसमें फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया गया है। नई तकनीक का ट्रांसमिशन सिस्टम लगाया गया है। यह अपने लक्ष्य को खुद तलाशने में सक्षम है। टैंक में कमांडर,गनर,लोडर व चालक का क्रू होगा। यह टैंक युद्धक्षेत्र में बिछाई गई माइंस को साफ करते हुए आसानी से आगे बढ़ सकेगा। केमिकल अटैक से बचाने के के लिए विशेष तरह के सेंसर लगे हैं।
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