1 मिनट में 700 राउंड फायरिंग...एके-203 असाल्ट राइफल से लैस होगी भारतीय सेना, देश में शुरू हुआ उत्पादन
जानें खासियत.
नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय सेना के जवान भविष्य में एके-47 राइफल के स्थान पर एके-203 असाल्ट राइफल से लैस होंगे। खास बात यह है कि आधुनिकतम टेक्नोलॉजी वाली इन असाल्ट राइफल का निर्माण भारत में ही हो रहा है। भारत 10 वर्ष की समय सीमा में रूस की मदद से 6 लाख एके 203 असॉल्ट राइफल का उत्पादन करेगा। उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके-203 असाल्ट राइफल की फैक्ट्री लगाई गई है, जहां इसका उत्पादन भी शुरू हो गया है। एके 203 असॉल्ट राइफल्स बेहतरीन हथियार होने के साथ-साथ काफी हल्की है। यह आधुनिकतम राइफल तेज गर्मी, बर्फीले इलाकों समेत हर मौसम में बेहतरीन नतीजे देती है। इसकी एक खासियत यह भी है कि इस असाल्ट राइफल से एक मिनट में 700 राउंड फायरिंग की जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस राइफल की रेंज 500 से 800 मीटर तक है। इसक एक मैगजीन में 30 राउंड फायरिंग की क्षमता है। एके 203 असॉल्ट राइफल का वजन 3.8 किलोग्राम और लंबाई 705 मिलीमीटर है।
उत्पादन शुरू होने के बाद अब मार्च महीने तक सेना को 5 हजार कलासनिकोव असॉल्ट राइफल्स की आपूर्ति की जाएगी। दूसरी किस्त के तहत अगले 32 महीनों में 70 हजार एके 203 राइफल्स सेना को मिलेंगी। निर्माता देश के अलावा भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जहां एक 203 असॉल्ट राइफल का उत्पादन हो रहा है।
इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत भारत में इस योजना के तहत एके 203 असॉल्ट राइफल के 100 फीसदी स्वदेशी वर्जन का उत्पादन किया जाना है। भविष्य में इसका उत्पादन और सुविधाएं बढ़ाने की भी योजना है। रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन ने कहा कहा है कि भविष्य में कंपनी कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल प्लेटफॉर्म पर आधारित उन्नत राइफलों का उत्पादन को बढ़ा सकती है।
भारत में रजिस्टर्ड व ज्वाइंटच वेंचर के रूसी पक्ष के संस्थापक रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और कलाश्निकोव कंसर्न हैं। इन्होंने कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू किया है। रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव का कहना है कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में 7.62 एमएम असॉल्ट राइफलों की पहली खेप का उत्पादन शुरू हो चुका है। भारतीय सेना को जल्द ही इन नई असाल्ट राइफल की डिलीवरी भी शुरू होगी। इसके अलावा कंपनी के पास हथियारों को दूसरे देशों को भी निर्यात करने की भी क्षमता है।
इनके द्वारा कहा गया है कि रूस और भारत मजबूत साझेदारी संबंधों से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग के परिणामस्वरूप इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड का निर्माण हुआ है।
एके 203 राइफल एके सीरीज की सबसे आधुनिक राइफल होने के साथ-साथ काफी घातक भी है। भारतीय सेना को यह आधुनिकतम राइफल मिलने पर सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा। हालांकि इसमें नई टेक्नोलॉजी होने के बावजूद एके राइफल की सभी पारंपरिक खूबियां भी मौजूद रहेंगी। सबसे पहले इस राइफल को रूस ने इसे वर्ष 2018 में तैयार किया था।