27 बख्तरबंद वाहनों का भारतीय सेना ने दी ऑर्डर, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मोर्चा संभालने की तैयारी
भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद प्रक्रियाओं के तहत एक देशी कंपनी के साथ 27 बख्तरबंद
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद प्रक्रियाओं के तहत एक देशी कंपनी के साथ 27 बख्तरबंद वाहनों का ऑर्डर दिया है। सेना के स्रोत से मंगलवार को पता चला है कि बख्तरबंद वाहनों का उपयोग उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए किया जाएगा।
इधर, रक्षा मंत्रालय ने आज 118 अर्जुन मार्क 1 ए टैंकों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने इसके लिए 6000 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दे दी है। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि 58 टन वजन वाला डीआरडीओ-विकसित टैंक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 30 महीने के भीतर डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएगा।
इसके अलावा अधिकारी ने जानकारी दी कि रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी रूप से विकसित नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और अरुध्र मीडियम पावर रडार के अधिग्रहण से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दिया है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने चेन्नई में सेना प्रमुख एमएन नरवाने को अर्जुन टैंक का मार्क-1ए वर्जन सौंपा था। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह भारत की एकजुट भावना का प्रतीक भी है, क्योंकि दक्षिण भारत में निर्मित बख्तरबंद वाहन देश की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 118 उन्नत अर्जुन टैंक को खरीदने के लिए 2012 में मंजूरी दी गई थी और 2014 में रक्षा खरीद समिति ने इसके लिए 6600 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए थे, लेकिन इसकी फायर क्षमता समेत कई पक्षों पर सेना ने सुधार की मांग की थी। इस बीच सेना ने 2015 में रूस से 14000 करोड़ रुपये में 464 मध्यम वजन के टी-90 टैंक की खरीद का सौदा कर लिया था। सेना की मांग के आधार पर उन्नत किए जाने के बाद अर्जुन टैंक मार्क-1ए को 2020 में हरी झंडी मिली थी।
भारतीय सेना के बेड़े में 124 अर्जुन टैंकों की एक रेजीमेंट पहले से ही साल 2004 में शामिल की जा चुकी है, जो पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात है लेकिन यह अर्जुन टैंक पुराने मॉडल के हैं, जिनमें करीब 72 तरह के सुधार की आवश्यकता भारतीय सेना ने जताई थी। इसके बाद डीआरडीओ ने नए संस्करण को तैयार किया है। अब सेना में शामिल किए जा रहे 118 अर्जुन टैंक अतिरिक्त फीचर वाले हैं और पहले से ज्यादा मारक क्षमता वाले हैं। इनके लिए एक और बख्तरबंद रेजीमेंट बनाई जाएगी।