न्यूयॉर्क (आईएएनएस)| एक 47 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी ने शेयर घोटाले से जुड़े एक मामले में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उस पर पूरी योजना बनाकर संभावित निवेशकों को धोखा देकर अपनी टेकनोलॉजी स्टार्टअप कंपनी में निवेश के लिए लुभाने का आरोप है। मनीष लचवानी ने 2015 में सिलिकॉन वैली में हेडस्पिन नाम से कंपनी बनाई थी। वह मई 2020 तक कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी था। उसे अपनी कंपनी के राजस्व तथा अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ों को बढ़ाचढ़ाकर दिखाने और इस तरह निवेशकों को धोखा देने के आरोप में 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
अपने ग्राहकों को सॉफ्टवेयर टूल और मोबाइल एप्लिकेशन के परीक्षण के लिए डिवाइस मुहैया कराने वाली कंपनी हेडस्पिन में अप्रैल 2017 से अप्रैल 2020 के बीच कई राउंड के फंड रेजिंग में निवेशकों ने 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश किया। इससे कंपनी का वैल्युएशन 1.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
लचवानी ने अदालत के समझ अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने कहा कि उसने गलत जानकारी और राजस्व के बढ़ाए हुए आंकड़ों का प्रसार कर संभावित निवेशकों को उसकी कंपनी में निवेश के लिए लुभाया।
डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के बयान में कहा गया है कि उसने माना कि जब हेडस्पिन पैसे जुटा रही थी वह संभावित निवेशकों को कंपनी के कारोबार, ग्राहकों, राजस्व और वित्त के बारे में जानकारी भेज रहा था।
लचवानी जानता था कि सॉफ्टवेयर-सेवा प्रदाता कंपनी के रूप में निवेशकों और हेडस्पिन में उनके निवेश के फैसले के लिए एनुअल रिकरिंग रिवेन्यू (एआरआर) मायने रखता है।
लचवानी ने स्वीकार किया कि उसने संभावित निवेशकों को एआरआर और राजस्व के बढ़ाए हुए आंकड़े दिए।
लचवानी ने कंपनी के राजस्व में मौजूदा ग्राहकों के सबसक्रिप्शन को बढ़ा कर दिखाया। साथ ही उसने उन निवेशकों के सबसक्रिप्शन को भी दिखाया जिनके साथ अभी अंतिम सहमति नहीं बनी थी। इसके अलावा जो ग्राहक सबस्क्रिप्शन छोड़ चुके थे उनके आंकड़े भी उसने कंपनी के राजस्व में जोड़ दिए।
एआरआर के स्प्रेडशीट लचवानी खुद तैयार करता था जिसमें ये गलत जानकारियां होती थीं और इन्हें संभावित निवेशकों के साथ साझा करता था।
लचवानी ने 2018 में एक फंड रेजिंग के समय संभावित निवेशकों को जो आंकड़े भेजे उसके अनुसार कंपनी का एआरआर 2018 की दूसरी तिमाही में 3.3 करोड़ डॉलर था, हालांकि उसे पता था कि वास्तविक एआरआर इससे बहुत कम है।
अगले साल 2019 में फंड रेजिंग के एक अन्य राउंड के समय उसने संभावित निवेशकों को भेजी जानकारी में हेडस्पिन का एआरआर 5.4 करोड़ डॉलर दिखाया जो वास्तव में बहुत कम था।
इसी प्रकार राजस्व के आंकड़े बढ़ाने के लिए कंपनी के इनवॉयस से छेड़छाड़ की।
लचवानी ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ और शेयर घोटाले में अपने अपराध स्वीकार किए।
यदि वह अपनी स्वीकारोक्ति पर टिका रहता है तो बाकी के आरोप सजा सुनाते समय खारिज कर दिए जाएंगे।
लचवानी इन दिनों बॉन्ड पर रिहा है। अमेरिका के जिला जज ब्रेयर 27 सितंबर को उनकी सजा पर सुनवाई करेंगे।
दस्तावेजों से छेड़छाड़ के लिए अधिकतम 20 साल की कैद और 2,50,000 डॉलर के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। शेयर घोटाले के मामले में अधिकतम 20 साल की सजा और 50 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही धोखाधड़ी की राशि भी वापस करनी पड़ सकती है।