भारत ने अमेरिका से एयर-लॉन्च UAV के लिए किया बड़ा करार, टेस्टिंग के लिए करेंगे आपसी सहयोग

भारत ने अमेरिका के रक्षा विभाग से एयर-लॉन्च यूएवी के लिए एक बड़ा करार किया है.

Update: 2021-09-03 17:41 GMT

भारत ने अमेरिका के रक्षा विभाग से एयर-लॉन्च यूएवी के लिए एक बड़ा करार किया है. प्रोजेक्ट एग्रीमेंट के तहत अमेरिकी वायुसेना की मदद से भारतीय वायुसेना और डीआरडीओ के साथ मिलकर ये खास यूएवी का प्रोटो-टाइप तैयार किया जाएगा.

इस करार को दोनों देशों के बीच पहले से ही स्थापित डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशियेटिव (डीटीटीआई) के अंतर्गत किया गया है. भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि प्रोजेक्ट-एग्रीमेंट पर भारतीय वायुसेना के अस्सिटेंट चीफ ऑफ एयर-स्टाफ, एयर वाइस मार्शल एन तिवारी और अमेरिकी वायुसेना के ब्रिगेडियर-जनरल ब्रायन ब्रोकबेयुर (डायरेक्टर, एयरफोर्स सिक्योरिटी अस्सिटेंस एंड कॉपरेशन) ने हस्ताक्षर किए.
टेस्टिंग के लिए आपसी सहयोग करेंगे
करार के तहत वायुसेना की एयरफोर्स रिसर्च लेबोरेटरी और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंच ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) एयर-लॉन्च अनमैनड एरियल व्हीकल (एएलयूएवी) के प्रोटो-टाइप का डिजाइन, डेवलपमेंट, डेमोंस्ट्रेशन और टेस्टिंग के लिए आपसी सहयोग करेंगे. डीआरडीओ की एयरोनोटिकल डिफेंस एस्टेबलेशमेंट (एडीई और भारतीय वायुसेना की रिसर्च लैब अमेरिकी वायुसेना के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट एग्रीमेंट का क्रियान्वय करेंगी.
प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य
डीटीटीआई का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और भारतीय एवं अमेरिकी सैन्य बलों के लिए भविष्य की प्रौद्योगिकियों के उत्पादन और विकास करना है. डीटीटीआई के अंतर्गत, संबंधित क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से सहमत परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए थल, जल, वायु और विमानवाहक प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त कार्य समूह स्थापित किए गए हैं. एएलयूएवी के सह-विकास के लिए परियोजना समझौते की देखरेख हवाई प्रणालियों पर संयुक्त कार्य समूह द्वारा की गई है.

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