नई दिल्ली: दुनिया में अमेरिका को पछाड़कर सुपर पावर बनने की ख्वाहिश पाले चीन (China) को भारत (India) ने ऐसी जबरदस्त चोट मारी है. जिसे वह लंबे समय तक भुला नहीं पाएगा. यह मार इतनी गहरी है कि उसका दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनने का सपना भी बीच में ही खत्म हो सकता है.
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी. भरतिया के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पिछले डेढ़ साल से भारत के साथ सैन्य तनाव में उलझे चीन (China) को देशवासियों ने जबरदस्त सबक सिखाया है. भरतिया के मुताबिक CAIT के इंटरनल सर्वे में पता चला है कि इस दिवाली पर गुरुवार दोपहर तक देश में करीब सवा लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. अधिकतर लोगों ने कोई भी चीज खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखा कि वह चीन में बनी हुई या चीनी कंपनी की न हो.
लोगों की इस अप्रोच के चलते चीन (China) के इस साल दिवाली पर हुए कारोबार (Indians Reaction Against China on Diwali 2021) में करीब 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि ड्रैगन के फन को कुचलने में व्यापारियों और खरीदारों दोनों ने बराबर का साथ दिया. दुकानदारों ने अपनी दुकानों-शोरुमों पर चीन का माल ही नहीं रखा. वहीं दिवाली पर खरीदारी करने पहुंचे आम लोगों ने भी चीन में बनी चीजों खरीदने से साफ इनकार कर दिया. इसके चलते चीन को लगातार दूसरे साल ऐसी भीषण मार पड़ी है. जिसे वह आसानी से भुला नहीं पाएगा.
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले साल चीनी (China) अतिक्रमण के बाद संस्था ने देशभर में चीनी माल की बिक्री कम करने के लिए अभियान शुरू किया था. इसके लिए संस्था की ओर से बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर देशभर के दुकानदारों और आम लोगों को चीनी माल के प्रति जागरूक किया गया. यही वजह रही कि लोगों ने चीनी माल को ठुकराकर उसे बड़ी आर्थिक चपत लगा दी है. उन्होंने कहा कि CAIT ने चीन से भारत में होने वाले आयात को 1 लाख 5 हजार करोड़ रुपये कम करने का टारगेट तय कर रखा है. उम्मीद है कि अगले साल दिसंबर तक इस टारगेट को हासिल कर लिया जाएगा.
खंडेलवाल ने बताया कि इस साल (Indians Reaction Against China on Diwali 2021) छोटे कारीगरों, कुम्हारों, शिल्पकारों,और स्थानीय कलाकारों ने अपने उत्पादों की अच्छी बिक्री की. इन लोगों को किफायती और अच्छी क्वालिटी का माल बनाकर एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और बड़ी विदेशी- भारतीय कंपनियों के एकाधिकार को नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि सर्वे में पता चला कि पैकेजिंग उद्योग भी बड़ा सेक्टर बन गया है. इस सेक्टर ने इस साल दिवाली पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है. इस साल हुए जबरदस्त कारोबार से उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी.