भारत चीन विवाद, दिसंबर के आखिर में दोनों देशों के बीच हो सकती है 14वें दौर की बातचीत

Update: 2021-12-02 11:25 GMT

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी ) पर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए दिसंबर के दूसरे हिस्से में दोनों देशों के कोर कमांडर-स्तर के बीच 14वें दौर की बातचीत होने की संभावना है। सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। इसके मुताबिक भारत के लिए यह उपयुक्त समय है, क्योंकि इससे पहले भारतीय सेना पाकिस्तान पर जीत की 50वीं वर्षगांठ के जश्न जुटी रहेगी। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगहों को लेकर दोनों देशों के बीच इससे पहले 13 दौर की बातचीत हो चुकी है और कुछ मुद्दे सुलझे भी हैं, लेकिन कुछ पर चीन के अड़ियल रवैए की वजह से बात नहीं बन पा रही है।

दिसंबर में भारत और चीन के कोर कमांडर-स्तर की बातचीत को लेकर सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है, '14वें दौर की बातचीत के लिए चीन की ओर से निमंत्रण आना है। संभावना यह है कि ये बातचीत दिसंबर के दूसरे हिस्से में होगी।' सूत्र ने यह भी कहा है कि भारत के लिए यह समय उपयुक्त है, क्योंकि सशस्त्र सेना 16 दिसंबर तक 1971 में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराने के अवसर पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में व्यस्त रहेगी। दोनों देशों के बीच इससे पहले 13 दौर की बातचीत हो चुकी है।
इस बातचीत में दोनों देश हॉट स्प्रिंग के संघर्ष वाले इलाके को लेकर कोई समाधान निकलने की उम्मीद कर रहे हैं, जहां पिछले साल चीन के आक्रामक रवैए की वजह से टकारव वाली स्थिति पैदा हुई थी। सूत्र के अनुसार इससे पहले पैंगोंग झील और गोगरा हाइट्स वाले इलाकों को लेकर टकराव का मुद्दा सुलझा लिया गया था, लेकिन हॉट स्प्रिंग वाला मुद्दा अभी भी संघर्ष की वजह बना हुआ है। भारत डीबीओ और सीएनएन जंक्शन इलाके में समाधान की भी मांग कर रहा है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल चीन के आक्रामक रवैए का मुंहतोड़ जवाब दिया था और कई जगहों पर उसके विस्तारवादी इरादे को रोक दिया था। इसी दौरान जून, 2020 में गलवान घाटी में वह हिंसक संघर्ष भी हुआ जिसमें दोनों ओर से सैनिकों का नुकसान हुआ।
भारत ने तभी से पूर्व लद्दाख के संघर्ष वाले बिंदुओं पर शांति बहाली के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन साथ ही दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भी पुख्ता तैयारी कर रखी है। एलएसी के दोनों ओर दोनों देशों ने भारी तादाद में सैनिकों को जुटा रखा है। दोनों तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर भी खूब जोर दिया गया है। लेकिन, चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा की दूसरी तरफ बिल्कुल पास में ही जिस तरह से अपने जवानों के लिए ठिकाने बनाए हैं और बुनियादी ढांचा बढ़ाने में लगा हुआ है, उससे लगता है कि वह किसी बड़े गेमप्लान की तैयारी कर रहा है।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक चीन को जवाब देने के लिए भारत ने भी पुख्ता बंदोबस्त कर रखे हैं और बेहद खराब मौसम में भी जरूरत पड़ने पर उसने 2 लाख से ज्यादा सैनिकों को वहां उताने की व्यवस्था कर रखी है।

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