दो दिनों के लिए आज से भारत बंद, देशव्यापी हड़ताल का किया आयोजन

ट्रेड यूनियन्स के ज्वाइंट फोरम की तरफ से आज और कल दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया है

Update: 2022-03-28 07:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  ट्रेड यूनियन्स के ज्वाइंट फोरम की तरफ से आज और कल दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया है. हड़ताल का आयोजन कर्मचारियों, किसानों यऔर आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालने वाली सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में किया गया है. केंद्रीय श्रमिक संगठनों की दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल (2-Day Bharat Bandh) सोमवार को शुरू हो गई. इस हड़ताल का बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट सर्विस पर बुरा असर दिख रहा है. इस हड़ताल को लेकर सेंट्रल ट्रेड यूनियन के ज्वाइंट फोरम की 22 मार्च को अहम बैठक हुई थी. इसमें देश के अलग-अलग यूनियन को नोटिस जारी कर 28 और 29 मार्च को होने वाली हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई थी. ज्वाइंट फोरम में कुल 10 ट्रेड यूनियन शामिल है. ये यूनियन- INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC हैं.

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की तरफ से बुलाई गई दो दिनों की राष्ट्रीय हड़ताल शुरू हो गई है. अमरजीत कौर ने कहा कि इस हड़ताल को झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कोयला खनन क्षेत्रों के अलावा असम, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गोवा और ओडिशा के औद्योगिक क्षेत्रों से अच्छी प्रतिक्रिया देखी जा रही है.
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बैंक और इंश्योरेंस सेक्टर पर भी असर
उन्होंने कहा कि बैंकों एवं बीमा क्षेत्र की सेवाएं भी हड़ताल की वजह से प्रभावित हुई हैं. वहीं स्टील एवं तेल क्षेत्रों पर इसका आंशिक असर देखा जा रहा है. इस हड़ताल ने बैंकों के कामकाज पर भी असर डाला है. हालांकि यह असर आंशिक रूप से ही देखा जा रहा है क्योंकि बैंक कर्मचारी संगठनों का एक हिस्सा ही इस हड़ताल का साथ दे रहा है. निजी क्षेत्र के नए बैंकों का कामकाज इससे लगभग बेअसर है.
पूर्वी भारत में हड़ताल का ज्यादा असर
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि इस हड़ताल का असर पूर्वी भारत में ज्यादा देखा जा रहा है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तमाम शाखाएं बंद हैं. अन्य क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं में अधिकारियों की मौजूदगी होने के बावजूद कर्मचारियों के अनुपस्थित होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है. भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओआई) भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दे रहे हैं.
श्रम सुधार और निजीकरण का कर रहे हैं विरोध
एटक के अलावा श्रमिक संगठन सीटू और इंटक समेत कुल 10 संगठन हाल में किए गए श्रम सुधारों और निजीकरण की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा मनरेगा के लिए बजट आवंटन बढ़ाने और संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने की भी मांग है.
कई बैंक यूनियन इस हड़ताल में शामिल
रविवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA), ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयी एसोसिएशन (AIBEA), बैंक एंप्लॉयी फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) ने नोटिस जारी कर इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है.


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