ब्रह्मोस मिसाइल सौदे को अंतिम रूप देने के करीब भारत और फिलीपींस, दुश्‍मनों के लिए है काल

Update: 2021-12-30 07:23 GMT

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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के रक्षा निर्यात पर जोर दे रही है। इस बीच खबर है कि भारत को जल्द ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए फिलीपींस से निर्यात आर्डर मिलने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि भारत और फिलीपींस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की बिक्री पर बातचीत अंतिम चरण में हैं। निर्यात आदेश जल्द ही दिए जाने की संभावना है।

सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और ब्रह्मोस एरोस्पेस मिलकर इस मिसाइल को मित्र देशों को निर्यात करने पर जोर दे रहे हैं। भारत सरकार के रक्षा निर्यात को डीआरडीओ से बल मिल रहा है। हाल ही में संगठन ने अर्मेनियाई सरकार से 'मेड-इन-इंडिया' हथियार का पता लगाने वाले रडार के लिए आदेश प्राप्त किए हैं। भारत को मित्र देशों से मिसाइल प्रणाली के लिए अधिक आर्डर मिलने की संभावना है, क्योंकि कुछ अन्य देशों के साथ भी इसे लेकर बातचीत चल रही है, जो अंतिम चरण में है।
अतिरिक्त रेंज और अन्य आधुनिक तकनीकों को इसमें शामिल किए जाने के कारण मिसाइल भी अधिक सक्षम हो रही है। वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल दिनकर राणे को ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है और उन्होंने इसकी स्थापना के दिनों से ही फर्म के साथ काम किया है। बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की उत्पादन इकाई और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) प्रयोगशाला की आधारशिला रखी है।
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस का संयुक्‍त प्रोजेक्‍ट है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल रेंज का नाम दो नदियों, भारत में ब्रह्मपुत्र और रूस में मोस्कवा से लिया गया है। इसकी गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों होती है। यह अधिकतम 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकती है।

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