अभद्र टिप्पणी मामला: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया, जल्द सुनवाई की अपील CJI ने की खारिज
नई दिल्ली: इंडियाज गॉट लेटेंट शो में विवादित टिप्पणी करने वाले यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यूट्यूबर ने तुरंत सुनवाई की मांग की लेकिन सीजीआई ने जल्द तारीख देने से इनकार कर दिया।
रणवीर संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर की थी, जिसे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के सामने पेश किया गया। सीजेआई खन्ना ने कहा कि सुनवाई की तारीख पहले ही तय हो चुकी है। उन्होंने इसे तुरंत सुनवाई के लिए स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इलाहाबादिया ने अपने खिलाफ किसी (विभिन्न राज्यों में दर्ज केस) भी तरह के एक्शन से बचने के लिए ये कदम उठाया है। पॉडकास्टर ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बलपूर्वक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है।
बता दें कि यह विवाद 8 फरवरी को स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' के एक एपिसोड से जुड़ा है, जो यूट्यूब पर अपलोड हुआ था। इस यूट्यूब चैनल के 7.3 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। इस एपिसोड में रणवीर ने एक कंटेस्टेंट से उनके माता-पिता को लेकर अभद्र सवाल पूछा था, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। इस बीच, मुंबई की खार पुलिस ने रणवीर इलाहाबादिया को दूसरा समन भेजकर उसे शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया है, क्योंकि वह गुरुवार को समय पर पेश नहीं हुए थे। अब तक पुलिस ने सात लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें मशहूर यूट्यूबर आशीष चंचलानी, कंटेंट क्रिएटर अपूर्व मखीजा और द हैबिटेट स्टूडियो के मालिक बलराज सिंह घई के पिता भी शामिल हैं।
रैना के शो पर इलाहाबादिया की टिप्पणी के संबंध में साइबर सेल और मुंबई पुलिस अलग-अलग जांच कर रहे हैं। इस मामले में असम पुलिस की एक टीम भी मुंबई में है और उन्होंने महाराष्ट्र साइबर सेल के अधिकारियों से मुलाकात की है। विवाद के बीच समय रैना ने दावा किया कि उन्होंने शो के सभी वीडियो यूट्यूब से हटा दिए हैं। उनका कहना है कि उनका उद्देश्य केवल लोगों का मनोरंजन करना और उन्हें हंसाना था।
रणवीर, आशीष चंचलानी, अपूर्व मखीजा, और समय रैना के खिलाफ कई कानूनी शिकायतें दायर की गई हैं। इन शिकायतों में आरोप है कि उनका शो माता-पिता के बारे में अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणियां करता है, जो भारत के सामाजिक और नैतिक मूल्यों के खिलाफ है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस तरह की कॉमेडी युवाओं को भ्रष्ट करती है और महिलाओं के खिलाफ अनुचित व्यवहार को बढ़ावा देती है।