अस्पतालों में बढ़े मरीज, 40 फीसदी मरीजों के गले में खराश

Update: 2023-09-19 16:19 GMT
जयपुर। राजस्थान में मौसमी बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी है। बारिश में मच्छरों के काटने से होने वाले डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले तो बढ़ ही रहे है, लेकिन इन दिनों अब वायरल इंफेक्शन के मरीज भी बड़ी संख्या में हॉस्पिटल पहुंचने लगे हैं। ऐसे मरीजों में सबसे ज्यादा परेशानी गले में दर्द और खराश की आ रही है।
राजधानी जयपुर में सवाई मानसिंह, जयपुरिया, आरयूएचएस, जेके लॉन और कावंटिया हॉस्पिटल की ओपीडी में ज्यादातर मरीज यही शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। एसएमएस हॉस्पिटल की ओपीडी में इन दिनों 8 हजार से ज्यादा मरीज डेली ओपीडी में आ रहे हैं, जिसमें 40 फीसदी मरीज जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में दिखाने आ रहे हैं। कांवटिया हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि ये वायरल इंफेक्शन से न केवल बड़े बल्कि बच्चे भी बहुत ज्यादा प्रभावित हाे रहे हैं।
फोर्टिस हॉस्पिटल के जनरल फिजीशियन और क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉक्टर पंकज आनन्द का कहना है कि वातावरण में नमी बढ़ने के कारण इन दिनों अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनो वायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के केस आने लगे हैं। ये वायरस मौसम में बदलाव के साथ एक्टिव होते हैं और तेजी से फैलते हैं। इसमें बुखार सामान्यत: 2-3 दिन रहता है और ये ठीक भी हो रहा है। इसमें अधिकांश मरीजों में बुखार ठीक होने के बाद भी गले का दर्द 5-7 दिन बना रहता है। वहीं कुछ मरीजों में लंबी खांसी की समस्या आ रही है। बुजुर्ग और क्रॉनिक डिजीज (डायबिटिज, दिल के मरीज या गुर्दों की समस्या) वाले कुछ मरीजों में लंग्स में इंफेक्शन बढ़ने से सांस लेने में तकलीफ हो रही है, जिसके कारण उनको एडमिट करना पड़ रहा है।
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