इंदौर। इंदौर के प्रसिद्ध और प्राचीन भगवान रणजीत हनुमान मंदिर को आयकर विभाग ने इंकमटैक्स का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मंदिर प्रबंधन द्वारा वित्तीय साल 2018-19 के दौरान एक साल के दौरान एक करोड़ 50 लाख रुपए राशि की एक साथ टाइम डिपाजिट करने के लिए और 15 लाख की एफडी कराने के लिए आया है। बैंक से दस लाख से अधिक लेन-देन की जानकारी सीधे आयकर विभाग को जाती है। इसी आधार पर यह नोटिस जारी हुआ। नोटिस में कहा गया है कि क्यों ना आपके रिटर्न को जांच में लिया जाए, आपने यह लेन-देन किया है। अगर उचित कारण नहीं मिला तो इस रिटर्न को खोलकर जांच की जाएगी। हालांकि नोटिस का जवाब अब मंदिर प्रबंधन ने दे दिया है। हाल ही में ओरछा मंदिर को भी आयकर नोटिस आया है। वह सभी मंदिर, संस्थान जो दान राशि लेते हैं लेकिन चेरिटेबल ट्रस्ट में रजिस्टर्ड नहीं है, उन सभी को इस तरह के नोटिस आ रहे हैं। मंदिर प्रंबधन को आयकर का नोटिस आने का सिलसिला नोटबंदी वाले साल में जमा की गई राशि के बाद से ही आ रहे हैं।
नोटबंदी वाले साल में मंदिर प्रबंधन ने पांच करोड़ रुपए जमा कराए थे। इस राशि को लेकर आयकर विभाग ने मंदिर प्रबंधन को पहली बार वित्तीय साल 2016-17 में लेन-देन को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसे लेकर मंदिर प्रंबधन की अपील पर अभी तक आयकर विभाग में सुनवाई जारी है। इसके बाद 2017-18 में भी मंदिर प्रबंधन ने एक करोड़ 20 लाख नकद जमा कराए थे, इसे लेकर आयकर विभाग ने फिर नोटिस जारी किया। जिसे बाद में मंदिर सरकारी होने व अन्य दस्तावेज पेश करने के बाद नस्तीबद्द कर दिया गया था। मंदिर प्रबंधन को अभी आयकर विभाग से वित्तीय साल 2019-20 के लिए आयकर से नोटिस आने की आशंका है। इस दौरान भी खातों में काफी ज्यादा ट्रांजेक्शन है। हालांकि इसके बाद वित्तीय साल 2020-21 से यह नोटिस नहीं आएंगे। इसकी वजह है कि मंदिर प्रबंधन ने अब चेरिटबल ट्रस्ट के रूप में खुद को रजिस्टर्ड करा लिया है। इसके चलते अब इसकी राशि पर टैक्स नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने मंदिर में सात सदस्यीय ट्रस्ट का गठन कर दिया है। अब यहां इसे आयकर एक्ट की धारा 12 ए के तहत चेरिटेबल ट्रस्ट के रूप में दान में मिली राशि पर टैक्स की छूट मिल गई है। साथ ही दानदाता को भी यदि वह चेक से और पेन नंबर देते हुए दान राशि देते हैं तो उन्हें इस पर 80 जी धारा में टैक्स छूट भी मिलेगी।