यूपी में मजदूरी मांगने पर प्रधानपति ने दो ग्रामीणों को पीटा, शिकायत करने थाने पहुंचे तो पिलाया पेशाब
थाना बार क्षेत्र के जरावली गांव में मजदूरी के पैसे मांगने गए दो ग्रामीणों की प्रधानपति समेत छह लोगों ने मारपीट कर दी।
थाना बार क्षेत्र के जरावली गांव में मजदूरी के पैसे मांगने गए दो ग्रामीणों की प्रधानपति समेत छह लोगों ने मारपीट कर दी। जब पीड़ित परिजनों के साथ शिकायत करने थाने पहुंचे तो थानाध्यक्ष बार ने मारपीट कर उन्हें पेशाब पिला दिया यह आरोप पीड़ित की पत्नी ने लगाया है। मजदूर की पत्नी ने थानाध्यक्ष बार पर अश्लील हरकतें करने और चार साल के बेटे के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है। महिला की शिकायत पर एसपी ने एसओ बार को लाइन हाजिर कर मामले की जांच सीओ सीटी को सौंपी है। साथ ही प्रधानपति समेत छह लोगों के खिलाफ एससी/एसटी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक ने गांव का दौरा कर ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली। घटना तीन अगस्त की है। थाना बार के एक गांव की निवासी महिला ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसके पति व देवर प्रधानपति के यहां मजदूरी का पैसा मांगने गए थे तो प्रधानपति गांव के कुछ लोगों के साथ एक दुकान पर बैठे मिल गए, जिस पर उसने अपनी मजदूरी का पैसा मांगा तो प्रधानपति ने छह लोगों के साथ मिलकर उसके पति और देवर की लोहे के सरिया और लाठियों से मारपीट कर दी, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आईं। उनके चिल्लाने पर गांव के कुछ लोगों ने बीच बचाव किया। इसके बाद जब वह अपने पति, देवर, ससुर एवं चार साल के बेटे के साथ थाना बार शिकायत करने पहुंची तो वहां थाने में थानाध्यक्ष बार ने उसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसके साथ अश्लील हरकतें कीं।
आरोप है कि उसके पति व देवर को पेशाब पिलाया गया। ससुर को पट्टे से पीटा। इसके साथ ही महिला ने आरोप लगाया है कि चार वर्षीय बेटे को कमरे में बंद कर मारपीट की गई व उससे कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए। महिला की शिकायत को पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष बार अंजनी कुमार को लाइन हाजिर करते हुए इसकी जांच सीओ सिटी इमरान अहमद को सौंप दी। इसके साथ ही बुधवार को पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने खुद गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली और मारपीट की घटना में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।
महिला ने थानाध्यक्ष बार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में थानाध्यक्ष बार को लाइन हाजिर कर दिया है, ताकि मामले में निष्पक्ष जांच की जा सके और इसकी जांच सीओ सिटी को सौंप दी है। जबकि मारपीट के मामले में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। - निखिल पाठक, पुलिस अधीक्षक ललितपुर।
पीड़ित परिवार बैठा था अनशन पर
बार थानांतर्गत ग्राम जरावली में दो पक्षों में हुए विवाद में थाना बार पुलिस ने छह लोगों पर शांति भंग की कार्रवाई की थी, जबकि एक पक्ष इसी मामले में लगातार जरावली प्रधानपति पर सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहा था। इसके तहत एक पक्ष ने जिला मुख्यालय स्थित घंटाघर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया और इसमें उन्होंने थाना प्रभारी पर बेइज्जत करने व चार साल के बच्चे को थाने की बैरक में बंद करने का आरोप लगाया था। मामले को तूल पकड़ता देख थाना प्रभारी बार को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक थाना बार पहुंचे जहां पीड़ित पक्ष के एक व्यक्ति ने तहरीर देते हए बताया कि उसका भाई तीन अगस्त को अपनी मजदूरी के 1500 रुपये राजबहादुर जो प्रधानपति हैं, उनसे मांगे, जो गांव के ही मनीराम की दुकान पर बैठे थे। पैसा मांगते ही वह गालियां देने लगे उनके साथ मौजूद अन्य परिजनों ने मारपीट शुरू कर दी, जिसका शोर शराबा सुनकर उसने अपने भाई को बचाने का प्रयास किया। इसमें उसके साथ भी मारपीट की गई, जिसमें दोनों को काफी चोटें आईं थीं।
थाना बार पुलिस ने राजबहादुर, गब्बर राजा, सोनू राजा, हरवेंद्र राजा, मनीराम व दीपक के खिलाफ एक राय होकर गाली गलौज कर मारपीट करने और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम तहत मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं थाना प्रभारी बार पर हुई कार्रवाई को लेकर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह मामला उनके जनपद में आने से पहले का है। प्रथम दृष्टया थाना प्रभारी पर लगे आरोपों की पुष्टि नही हो पाई है, लेकिन मामले की गहन जांच के लिए पूरे मामले की सीवीसीटी जांच कराई जा रही है। जांच होने तक थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया है। अन्य दोषियों पर मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।