निमोनिया के इलाज के नाम पर तांत्रिक ने दिया घाव, ढाई साल की मासूम को गर्म सलाखों से दागा, उसके बाद...
मेडिकल साइंस के इतने आगे चले जाने के बाद भी लोगों को अंधविश्वास और झाड़-फूंक में विश्वास बराकर है. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक बार फिर सामने आया है. जहां निमोनिया के इलाज के नाम पर तांत्रिक ने एक ढाई साल की मासूम बालिका को गर्म सलाखों से दाग दिया गया है. इसके बाद बच्ची को गंभीर हालत में भीलवाड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जहां उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है.
ये मामला भीलवाड़ा जिले के रायपुर उपखंड का है. बच्ची के पिता ने बताया है ''बच्ची बीमार हो गयी थी तो मैं उसे कालेड़ा गांव ले गया था. जहां एक वृद्ध आदमी ने गर्म सलाखों से इसकों दागा था. उसका नाम मुझे पता नहीं है.''
बालिका का उपचार कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राघवेन्द्र ने आजतक से कहा ''बच्ची के परिजनों ने बताया कि गर्म सलाखों से दागने के बाद इसकी हालत खराब हो गयी है, उसके शरीर में कुछ जला हुआ है. स्थानीय भोपा (तांत्रिक) लोग जो होते है उन्होंने गर्म सलाखों से इसको दागा है. बालिका की हालत गंभीर बनी हुई है. उसका उपचार किया जा रहा है, हमने पुलिस और अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना कर दी है.''
उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व भीलवाड़ा जिले के ही मांडल उपखंड के लुहारियां गांव में एक 5 माह की मासूम बालिका की गर्म सलाखों के दागने से मौत हो चुकी है. भीलवाड़ा जिले में पिछले ढाई साल में 20 से अधिक मासूमों को निमोनिया के इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा जा चुका है. इनमें से 6 मासूमों की मौत भी हो चुकी है.
गर्म सलाखों से दागने की इन घटनाओं पर जिले के बनेड़ा, रायपुर, काछोला और बिजौलियां थानों में मुकदमें भी दर्ज हुए हैं, जिनमें झाड़-फूंक करने वाले भोपाओं और मासूमों के रिश्तेदारों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं. अभी ये मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं. अकेले भीलवाड़ा ही नहीं पास के चित्तौड़गढ़ और राजसमन्द जिले में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. कानूनी कार्रवाई के बाद भी यह घटनाएं कम नहीं हो रही हैं.