40 करोड़ लोन देने के नाम पर कपड़ा कारोबारी को लगाई 2.45 करोड़ की चपत

Update: 2023-09-29 11:12 GMT
गुडग़ांव। सदर थाना एरिया में जालसाजों ने कपड़ा कारोबारी को 40 करोड़ रुपये का लोन देने के नाम पर दो करोड़ 45 लाख रुपये की चपत लगा दी। आरोपितों ने अपने आप को फायनेंसर बताकर कारोबारी को एक सप्ताह के लिए ढ़ाई करोड़ रुपये का लोन भी दिया था। जिसके बाद कारोबारी से पिछला लोन व 40 करोड़ के लोन का तीन माह का ब्याज एडवांस में ही ले लिया गया। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-34 के सुधीर ढींगरा ने कहा कि उनकी सेक्टर-34 में ओरिएंट क्राफ्ट कंपनी है।
मई माह में उनका बिजनेस ठीक नहीं चल रहा था। जिसके चलते उन्होंने लोन लेने के लिए फायनेंसरों से संपर्क किया। ऐसे में 25 मई को दिल्ली के तरुण ने उन्हें फोन पर फायनेंसरों से जानकारी होने व बड़ा लोन दिलाने की बात कही। उसने विक्रम व नितिन से फायनेंसर के रूप में संपर्क कराया। वहीं हैदराबाद के कथित एक बड़े फायनेंसर श्रीनिवास कंडेला से मुलाकात कराई। सुधीर ढींगरा 31 मई को हैदराबाद गए और उनके साथ मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने सुधीर को करीब एक हजार करोड़ रुपये के लोन बांटे जाने के कागजात दिखाए।
आरोपियों ने सुधीर के समक्ष पहले छह प्रतिशत ब्याज दर पर एक सप्ताह के लिए ढ़ाई करोड़ रुपये और फिर ढ़ाई करोड़ की अदायगी पर 40 करोड़ रुपये का पांच साल के लिए लोन देने की शर्त रखी। वहीं बताया गया कि 40 करोड़ लोन के लिए उन्हें हर तीन महीने में छह प्रतिशत ब्याज देना होगा और समय पूरा होने पर उन्हें मूल धन वापस करना होगा। पहले लोन के ढाई करोड़ रुपये अदा करने पर तीन माह के ब्याज के रूप में उन्हें अग्रिम राशि देनी होगी। यह राशि उनके ब्याज में बाद में समायोजित की जाएगी। वहीं सिक्योरिटी के लिए भी जमीन या फ्लैट के दस्तावेज मांगे गए। इसके बाद सुधीर ने सेक्टर 89 स्थित ग्रीनपोलिस में अपने एक फ्लैट के कागजात उन्हें सिक्योरिटी के रूप में दिए। इसके बाद तीन जून को दोनों पक्षों में लोन के लिए करार हो गया।
इसके बाद श्रीनिवास की ओर तीन, पांच और छह जून को सुधीर के खाते में दो करोड़ 25 लाख रुपये भेज दिए गए। करार के चलते 15 जून को सुधीर हैदराबाद गए। वहां एक होटल में उनकी व फायनेंसरों के बीच बैठक हुई। करार के तहत 40 करोड़ लोन पाने के लिए सुधीर ने पहले लोन के दो करोड़ 25 लाख रुपये और 40 करोड़ रुपये लोन के त्रैमासिक ब्याज के रूप दो करोड़ 45 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए। आरोपितों ने सुधीर से कहा कि 15 मिन्ट में ही उसकी कंपनी के खाते में 40 करोड़ रुपये ट्रांस्फर कर दिए जाएंगे। फायनेंसरों ने सुधीर से कहा कि वे थोड़ी देर में आते हैं। लेकिन वहां फायनेंसर नहीं आए और ना ही सुधीर की कंपनी के अकाउंट में 40 करोड़ रुपये आए। काफी देर बाद भी जब फायनेंसर नहीं आए तो सुधीर ने उन्हें फोन किया, लेकिन स्विच आफ मिला। जिस पर सुधीर को अहसास हो गया कि उनके साथ ठगी हो गई है। जिसके बाद उन्होंने गुरुग्राम की आर्थिक अपराध शाखा में 10 लोगों के खिलाफ शिकायत दी। सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
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