संपत्ति के लालच में कर दिया मां-बाप और भाई की हत्या, रिश्तेदारों को दी थी ये खबर

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Update: 2022-01-19 15:14 GMT

लखनऊ: संपत्ति का लालच या फिर कुछ और जिसकी वजह से एक बेटे ने न सिर्फ अपने भाई, बल्कि बुजुर्ग मां-बाप की भी बेरहमी से हत्या कर दी. हत्या के बाद लाशें तीन अलग-अलग इलाकों में जाकर फेंक दीं, ताकि शिनाख्त न हो सके और पुलिस से बच सके. यह सनसनीखेज घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ग्रामीण इलाके की है. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

लखनऊ ग्रामीण पुलिस बीती 6 जनवरी से इस घटना को लेकर परेशान थी. 6 जनवरी को इटौंजा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में गोमती किनारे एक युवक की लावारिस लाश मिली. पुलिस अभी इस लाश की गुत्थी को सुलझा ही रही थी कि 8 जनवरी की सुबह मलिहाबाद के यादवखेड़ा में एक बुजुर्ग की लाश मिली. यह हत्या भी गला रेतकर की गई थी.
पुलिस इन लाशों की गुत्थी सुलझा ही रही थी कि 13 जनवरी की सुबह माल थाना क्षेत्र के पतौना गांव की झाड़ियों में एक बुजुर्ग महिला की क्षत-विक्षत लाश बरामद हुई. तीनों मामलों में हत्या का तरीका एक ही था. गला रेत कर हत्या की गई थी. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. शवों की शिनाख्त पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी.
इसी बीच पुलिस टीम के एक अधिकारी को इंटनेट पर जम्मू कश्मीर के रामबन जिले से लखनऊ के विकास नगर के रहने वाले 3 लोगों की गुमशुदगी की खबर पढ़ने को मिली. अफसर ने जम्मू-कश्मीर के रामबन एसपी से सूचना देने वाले का नाम पता पूछा तो जम्मू पुलिस ने महमूद अली की बेटी का नाम व नंबर दिया.
शाहजहांपुर में ब्याही अनम से पुलिस ने बात की तो पता चला कि उसकी मां, पिता और भाई जम्मू घूमने गए थे, तभी से लापता हैं. तीनों की तस्वीर देखने के बाद पुलिस का शक गहरा गया. इटौंजा माल मलिहाबाद से मिली तीनों लाशें इन तीनों की ही थीं. तीनों शवों की शिनाख्त होते ही पुलिस ने अनम से पूछताछ शुरू की. अनम ने बताया कि उसके पिता के मोबाइल से 14 जनवरी को कश्मीर की वादियों की कुछ फोटो भेजे गए थे. मैसेज आया तो पता चला मम्मी पापा और भाई कश्मीर घूमने गए हैं.
पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से रिटायर्ड अधिकारी महमूद अली खान विकास नगर थाना क्षेत्र के सेक्टर 2 में अपनी पत्नी दरक़्शा और दो बेटे सरफराज और शावेज के साथ रहते थे. सरफराज ने अपनी बहन और रिश्तेदारों को बताया कि मम्मी, पापा और भाई शावेज 5 जनवरी को कश्मीर गए थे. वहां भूस्खलन के चलते तीनों लोग फंस गए हैं. पुलिस ने जब महमूद अली और शावेज के मोबाइल की लोकेशन देखी तो हैरान रह गई. महमूद अली का मोबाइल सिर्फ 24 घंटे के लिए जम्मू में था.
इसके बाद पुलिस का शक गहराया. पुलिस ने परिवार में अकेले बचे बड़े बेटे सरफराज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो तीनों लाशों की कहानी सामने आ गई. बेटे सरफराज ने ही अपने एक दोस्त अनिल यादव के साथ मिलकर पिता महमूद अली, मां दरक़्शा और भाई शावेज की हत्या की थी. 5 जनवरी को ही सरफराज ने रात में खाने में नींद की 90 गोलियां मिलाकर पहले तीनों को बेहोश किया, फिर विकास नगर के घर में बेहोशी में ही तीनों की गला रेतकर हत्या कर दी. फिर अपने दोस्त की मदद से बारी-बारी से तीनों लाशें इटौंजा माल और मलिहाबाद में जाकर फेंक आया.
आरोपी सरफराज ने दोस्त अनिल को इस घटना में शामिल होने के लिए 1 लाख 80,000 रुपये दिए. गला कटने की वजह से ज्यादा खून न बहे, इसलिए हर लाश के गले पर एक अलग से चादर लपेटी गई और दूसरी चादर लाश को छिपाने के लिए बांधी गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी सरफराज और उसके दोस्त अनिल यादव को गिरफ्तार कर लिया है. 13 जनवरी को जम्मू जाने का फ्लाइट टिकट और 14 जनवरी की वापसी का टिकट भी पुलिस ने बरामद कर दिया है.
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