आ गई रिहाई की खबर: 2017 में पाक सीमा में चली गई थी मछुआरों की नाव, अब पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं
महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा (Mahoba UP) जिले के युवक को छह साल बाद पाकिस्तान की जेल (Pakistan Jail) से रिहा होने की खबर है. यह खबर सुनकर युवक का परिवार बेसब्री से इंतजार कर रहा है. वर्ष 2017 में 20 मछुआरों (Fisherman) को पाकिस्तान की पुलिस (Pakistan police) ने बंदी बना लिया था, जिसमें महोबा जिले का भी एक युवक शामिल था. ये मछुआरे पाकिस्तान की जेल में बंद थे. अब महोबा के युवक की रिहाई की खबर मिली है. युवक के परिवार और ग्रामीणों में ख़ुशी है. अब सभी सुनील के आने का इंतजार कर रहे हैं.
गुजरात में मछुआरे का काम करने गया था सुनील
अपने घर के दरवाजे पर खड़ी रेखा अपने पति के आने की राह तक रही है. जबसे रेखा को पता चला है कि उसका पति पकिस्तान की जेल से रिहा हो चुका है और जल्द घर आने वाला है, तब से उसका ख़ुशी का ठिकाना नहीं है. कबरई थाना क्षेत्र के लिलवाही गांव का निवासी सुनील कुमार कुशवाहा की पत्नी रेखा देवी ने बताया कि उसका पति गुजरात के ओखा पोरबंदर (Okha Porbandar of Gujarat) पर मछुआरे का काम करता था.
सात लोगों को कराची की जेल में कर दिया गया था बंद
सुनील 8 अक्टूबर 2017 को अपने पैतृक गांव महेंदू बांदा निवासी अपने भाई बाबू व सिंघौली निवासी भतीजे राजू के साथ गुजरात के ओखा पोरबंदर पर मछली पकड़ने का काम करने के लिए गया था. सुनील अन्य मछुआरों के साथ नाव से समुद्र में मछली पकड़ने के लिए गया, तभी उनकी नाव पाकिस्तान के समुद्री बॉर्डर पर पहुंच गई. उसी समय पाकिस्तानी सैनिकों ने नाव को पकड़ लिया. इसमें मौजूद सुनील कुशवाहा सहित सात लोगों को पकड़कर पाकिस्तान की सिंध प्रांत स्थित कराची की जेल में बंद कर दिया गया था.
ढाई साल बाद मिली थी सुनील की चिट्ठी, 306 नंबर का कैदी था सुनील
रेखा ने बताया कि ढाई वर्ष बाद मई 2020 को जेल में निरुद्ध सुनील कुशवाहा ने उसे दो पेज का पत्र भेजा था. इसमें सुनील ने बताया था कि जेल में बंद 500 भारतीय कैदियों में उसका 306 नंबर है और भाई भी जेल में बंद है, उसे भी अपने परिवार की याद आ रही है. उसने पत्र लिखकर अपनी पत्नी को जेल में बंद होने की जानकारी दी. इसके बाद परिवार को पता चला था कि सुनील पाकिस्तान की जेल में है.
23 जनवरी को सुनील सहित 20 लोगों को किया गया था रिहा
वहीं अब रेखा की खुशी का ठिकाना नहीं है. रेखा ने कहा कि उसके पति के साथ जेल में बंद रहे बांदा के बिलगांव निवासी बच्चीलाल ने अपने घर फोन करके बताया था कि 23 जनवरी को उसे व उसके साथ सुनील कुशवाहा सहित 20 लोगों को पाकिस्तानी जेल से रिहा कर दिया गया है. सभी लोग पंजाब के वाघा बॉर्डर पहुंच गए हैं.
इस खबर को सुनकर सुनील की पत्नी और परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. सुनील की पत्नी रेखा का कहना है कि यह खबर जैसे ही मिली, पूरे परिवार में खुशी है. अब उनके आने का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है. जैसे ही वह घर आएंगे, उनका स्वागत होगा. रेखा ने कहा कि अब उन्हें कहीं जाने नहीं दिया जाएगा. यहीं पर मेहनत मजदूरी कर परिवार को पालेंगे.
सुनील की बेटियां खुशबू और रौशनी कर रहीं पापा का इंतजार
रेखा ने कहा कि बीते रोज उसके पति सुनील का भी फोन आया था. सुनील ने बताया कि वो जल्द ही अपने गांव घर पहुंच जाएंगे. सुनील की दो पुत्रियां खुशबू और रौशनी भी बेताबी से अपने पिता के आने का इंतजार कर रही हैं. सुनील के आने की ख़ुशी में घर में मिट्टी से पुताई की जा रही है. परिजवार भगवान की पूजा कर उन्हें धन्यवाद दे रहा है.
सुनील की पत्नी बोलीं: परिवार का खर्च चलाने में हुई काफी मुसीबत
पाकिस्तानी जेल में बंद रहे मछुआरे सुनील कुशवाहा की पत्नी रेखा देवी ने बताया कि उसकी बड़ी बेटी खुशबू 18 साल की है, वह बीए प्रथम वर्ष में है. वहीं छोटी बेटी रोशनी 13 साल की है, वह कक्षा 9 में पढ़ती है. रेखा ने कहा कि बेटियों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च व अन्य पारिवारिक खर्च उठाने में भारी समस्या का सामना करना पड़ा है. परिवार के लोग कहते हैं कि अब वो सुनील को बाहर नहीं जाने देंगे और यहीं पर मजदूरी कर परिवार को पालेंगे.