नकली नोट चलाने वाले गिरोह के महत्वपूर्ण सदस्य गिरफ्तार, पूछताछ में किए कई खुलासे
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नई दिल्ली: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी सीमा सुरक्षा बल (BSF) की मदद से पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके में ऑपरेशन कर नकली नोट चलाने वाले गिरोह के एक महत्वपूर्ण सदस्य को गिरफ्तार किया है. अलादू नाम के इस नकली नोटों के तस्कर ने आरंभिक पूछताछ में कबूल किया है कि उसे एक लाख रुपये के नकली नोट चलाने के बदले 5 हजार रुपये मिलते थे. नकली नोटों का यह तस्कर साल 2019 से ही फरार बताया गया है.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला 16 सितंबर 2019 को मालदा इलाके में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की ओर से बरामद किए गए एक लाख 99 हजार रुपये के नकली नोटों की बरामदगी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में डीआरआई ने असीम सरकार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. असीम सरकार ने पूछताछ के दौरान डीआरआई को बताया कि उसके साथ नकली नोटों के धंधे में अलादू नाम का व्यक्ति भी जुड़ा हुआ है, जो पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके के पुलिस थाने कालीचक के अंतर्गत रहता है. दिलचस्प है कि साल 2019 से ही अलादू नाम का यह नकली नोटों का तस्कर फरार चल रहा था.
नकली नोटों के इस तस्कर के लगातार फरार रहने पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने सीमा सुरक्षा बल की मदद ली. सीमा सुरक्षा बल की खुफिया ब्रांच कही जाने वाली जी सेक्शन की मालदा इकाई ने अलादू के गांव और आसपास पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी. इसी दौरान बीएसएफ की खुफिया इकाई को पता चला कि यह तस्कर अपने गांव के नजदीक आने वाला है. सूचना के आधार पर बीएसएफ ने एनआईए को सूचना दी और दोनों एजेंसियों ने एक साथ ऑपरेशन चलाकर गांव के पास छापा मारा और इस छापेमारी के दौरान इस फरार तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया.
सूत्रों के मुताबिक, आरंभिक पूछताछ के दौरान नकली नोटों के इस तस्कर ने बताया कि उसे एक लाख रुपये के नकली नोट लाने पर 5,000 रुपये का कमीशन मिलता था. इन नकली नोटों को पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में भी चलाया जाता था. ध्यान रहे कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने डीआरआई द्वारा दर्ज किए गए साल 2019 के मुकदमे के आधार पर अपने यहां अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू की थी. अब एनआईए इस गिरफ्तार तस्कर से जानना चाहती है कि नकली नोटों के इस रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. मामले की जांच जारी है.