बर्ड फ्लू का असर: चिकन-अंडे के कारोबार को तगड़ा झटका, मछली बाजार को हुआ फायदा, इतने गुना बढ़े दाम

बर्ड फ्लू की दहशत में लोग चिकेन और अंडा खाने से बच रहे हैं.

Update: 2021-01-13 03:03 GMT

फाइल फोटो 

कानपुर. बर्ड फ्लू (Bird Flu) की दस्तक का सबसे बड़ा असर चिकन कारोबारियों (Chicken Traders) पर हुआ है. बर्ड फ्लू की दहशत में लोग चिकेन और अंडा खाने से बच रहे हैं. ऐसे में मछली और मटन की बिक्री काफी बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में मछली की बिक्री में 3 गुना और मटन की बिक्री में दोगुना इजाफा हुआ है. हालांकि मांसाहारी लोगों के लिए राहत की बात ये है कि खपत बढ़ने के बावजूद व्यावसाइयों ने मछली और मटन के दाम नहीं बढ़ाए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर में ही तीन दिन में चिकन और अंडे की खपत 95 फीसद तक गिर चुकी है. इससे चिकन और अंडे के कारोबारियों का 6 करोड़ रुपयों का कारोबार प्रभावित हुआ है. बीते रविवार को प्रतिबंध लगने के बाद भी दूर के क्षेत्रों में चिकन खरीदने वाले लोगों ने अब इससे दूरी बना ली है. इसका प्रभाव शहर के बाहरी हिस्सों में अब तक बिक रहे चिकन और अंडे पर पड़ रहा है. अब चिडिय़ाघर से 10 किलोमीटर के दायरे में चिकन नहीं मिल रहा है. होटल में भी चिकन की मांग खत्म होने से मटन की मांग बढ़ी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर के मटन कारोबारी राजेश बंगाली ने बताया कि पहले रोज तीन से चार बकरे बिकते थे, लेकिन अब इनकी संख्या दोगुनी हो गई है. मटन के भाव पहले से ही 600 रुपये किलो हैं. अभी दरें नहीं बढ़ी हैं. साथ ही मछली की बिक्री भी बढ़ी है. तीन गुना तक मछली की बिक्री में इजाफा हुआ है. मछली की कीमतें भी अलग-अलग हैं. मछली विक्रेता राकेश के मुताबिक, सबसे ज्यादा बिकने वाली टैगन के भाव 175 रुपये प्रतिकिलो के आसपास हैं.
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