नई दिल्ली: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारत की आर्थिक नीतियों की तारीफ की है. IMF की MD क्रिस्टीना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने भारत की इकोनॉमिक पॉलिसी की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत के पास अपनी इकोनॉमी को लेकर टारगेटेड अप्रोच रही है, जबकि फिस्कल लिमिट बहुत कम थी. IMF ने भारत के कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाकर इकोनॉमी को संभालने की नीति को भी सराहा है. बता दें, आईएमएफ आज वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक जारी करने वाला है.
IMF ने जनवरी 2022 में जारी अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9 फीसदी जताया था. वित्त वर्ष 2023 में उसने भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.1 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया. IMF ने यह अनुमान रूस-यूक्रेन जंग से पहले जताया था, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल व गैस के दाम आसमान नहीं छू रहे थे. IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जियोर्जिवा ने बीते गुरुवार को कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जंग से पैदा हुए हालातों को देखते हुए IMF 2022 और 2023 के लिए अपने अनुमानों को घटा भी सकता हैं.
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने सोमवार को चेतावनी दी है कि कोरोना महामारी के दौरान प्राइवेट सेक्टर पर कर्ज काफी बढ़ गया है और इसके चलते वह विकासशील देशों की आर्थिक ग्रोथ को अगले तीन साल में 1.3 फीसदी तक कम कर सकता है. विकसित देशों की आर्थिक ग्रोथ को भी इससे नुकसान पहुंचेगा, लेकिन यह नुकसान काफी कम 0.9 फीसदी का होगा. IMF 19 अप्रैल को अपनी अगली वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी का अगला अनुमान जारी करने वाला है.