हैदराबाद। हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति निगरानी एजेंसी (हाइड्रा) ने संगारेड्डी जिले में कई अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए। सीएम रेवंत रेड्डी ने इसे लेकर पहले ही कहा था कि उनकी सरकार अवैध निर्माण हटाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने को भी तैयार है। हाइड्रा ने कृष्णरेड्डीपेट गांव के सरकारी सर्वे नंबर 12 में लगभग 16 अवैध निर्माण की पहचान की थी, जो पटेलगुडा गांव के पट्टा सर्वे नंबर 6 से संबंधित हैं। ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान रेवेन्यू विभाग और नगर निगम विभाग की टीम भी मौजूद रही।
अवैध निर्माण पर चल रही इस कार्रवाई को शांतिपूर्ण अंजाम देने के लिए भारी पुलिस बल भी तैनात की गई थी। पाटनचेरू के डीएसपी रविंद्र रेड्डी ने पूरी कार्रवाई की निगरानी की। अधिकारियों का कहना है कि जिन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की गई है। यह बीआरएस पार्टी के नेता डॉ. थोता चंद्रशेखर से जुड़ी हुई हैं। हाइड्रा की ओर से इससे पहले भी अवैध निर्माण कार्यों पर कार्रवाई की गई थी। तब भी हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों ने इसका विरोध जताया था।
हाइड्रा ने हाल ही में आउटर रिंग रोड की सीमा पर करीब 44 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया था। साथ ही 18 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया था। इनमें कुछ अवैध निर्माण राजनीतिक नेताओं की ओर से कराए गए थे। इस महीने की शुरुआत में प्रदेश के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा था कि प्रदेश में अवैध कब्जों पर कार्रवाई की जाएगी। कहा था, हैदराबाद की झीलों पर जो अवैध कब्जे हैं जो अवैध निर्माण हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।झीलों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए ही हाइड्रा की स्थापना की गई है।
अपनी प्राथमिकता का जिक्र करते हुए सीएम रेड्डी ने कहा था, झीलों को अवैध कब्जों से मुक्त कराना हमारी प्राथमिकता है और ऐसा होकर रहेगा। अवैध निर्माणों के पीछे भले ही कोई भी हो। मैं उन लोगों से अपील करता हूं कि अगर किसी ने अवैध कब्जा किया है तो वह झील को छोड़ दे। हम इसके लिए कानून लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार हैं।