दिल्ली। बिहार शराब कांड में 40 से ज्यादा लोगों की मौत ने एक बार फिर नकली शराब के इस धंधे को लेकर बहस छेड़ दी है. बिहार के अलावा पंजाब में भी अवैध शराब का बड़ा कारोबार है. अब उसी पंजाब राज्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और राज्य सरकार को फटकार भी पड़ गई. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि पंजाब में सरकार द्वारा अवैध शराब के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे.
सुनवाई के दौरान बिहार में अवैध शराब से हुई मौतों का भी हवाला देते हुए जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि बिहार में देखिए क्या हुआ? ये वही हालात हैं जिनसे हम बचना चाहते हैं. जब घर में आग लग जाए तो कुआं ना खोदें. समय रहते बचाव के इंतजाम करने में ही बुद्धिमानी है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को राज्य में अवैध शराब के बड़े पैमाने पर निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए तुरंत सख्त और कारगर कदम उठाने की चेतावनी देते हुए ये टिप्पणी की. कोर्ट की ये टिप्पणी तब आई जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वहां चिंता इस बार पर है कि इस गोरखधंधे में लगे केवल छोटे लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है. इस काले कारोबार के पीछे मौजूद बड़े और दबंग रसूखदार लोग खुले आम घूम रहे हैं. क्योंकि उनके तगड़े कनेक्शन शासन और प्रशासन में हैं.
याचिकाकर्ता के वकील ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार के पास यह साबित करने के लिए कई अवसर थे जिन पर वो असली दोषियों को गिरफ्तार कर अपनी जिम्मेदारी निभा सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उधर, अपने जवाबी हलफनामे में, राज्य सरकार ने 600 लीटर शराब प्राप्त करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने की बात स्वीकार की है. लेकिन सरकार और इसकी जांच एजेंसी ने यह पता लगाने की कोई कोशिश नहीं की कि आखिरकार यह शराब कहां से मंगवाई गई थी या कहां बनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि हम इसकी निगरानी करेंगे. हम दखेंगे कि स्थिति कैसे आगे बढ़ती है. हम इस पर पूरी निगहदारी रखने के इंतजाम करेंगे.