आइआइएम इंदौर ने लोक प्रशासन और सुशासन के लिए शुरू करेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम

भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) इंदौर ने भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी-डीएआरपीजी) के साथ सोमवार को समझौता किया

Update: 2021-08-09 18:12 GMT

भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) इंदौर ने भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी-डीएआरपीजी) के साथ सोमवार को समझौता किया। दोनों संस्थानों के अधिकारियों ने ऑनलाइन माध्यम से एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय, प्रो. प्रशांत सलवान और एनसीजीजी के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक वी. श्रीनिवास मौजूद थे।

समझौते के तहत भारत सरकार के लोक प्रशासन और सुशासन को बेहतर करने में मदद की जाएगी। राज्यों के भी सुशासन सूचकांक की रैंकिंग बेहतर करने में भी मदद की जाएगी। प्रो. राय का कहना है कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि राष्ट्र के लोगों के पास एक सामूहिक दृष्टि हो और उन्हें यह पता हो कि वे किस तरह के देश में रहना चाहते हैं। आइआइएम इंदौर और एनसीजीजी के पास मजबूत मिशन और दृष्टि है। संयुक्त रूप से विजन को मजबूत करने का प्रयास करेंगे ताकि यह देश के सभी लोगों का विजन बन जाए। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि शासी प्रणालियां स्पष्ट, पारदर्शी और ऐसे परिणाम प्राप्त करने में सक्षम हों, जिनकी प्रभावी रूप से निगरानी की जाती हो। हमारा उद्देश्य लोक प्रशासन और सुशासन में डिग्री प्रदान करने वाले कार्यक्रमों की पेशकश करना, संयुक्त अनुसंधान की गतिविधियों को बढ़ावा देना और संकाय विशेषज्ञों को संयुक्त परामर्श अनुसंधान परियोजनाओं में भी भाग लेने का अवसर प्रदान करना है।
वी. श्रीनिवास ने कहा कि हमें खुशी है कि आइआइएम इंदौर के साथ हम जुड़ गए हैं। सहयोग का उद्देश्य अकादमिक कर्मचारियों और विद्यार्थियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना भी है। इससे विभिन्न प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए संयुक्त कार्यक्रमों की पेशकश करना और उन्हें प्रबंधन सिद्धांतों को सीखने में मदद करना भी है। इस दौरान प्रो. प्रशांत सलवान ने कहा कि समझौता तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा।


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