चेतावनी को नजरअंदाज करना भारी पड़ा...साथ बैठे थे 3 लोग, अचानक चिल्लाने लगे, फिर...
एक को खींच ले गया.
नई दिल्ली: रामनगर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पिछले लंबे समय से बाघ का आतंक जारी है. बीते सप्ताह जंगली जानवर ने एक शख्स को अपना शिकार बना लिया था. जिसके बाद वन विभाग के निवेदन पर रामनगर प्रशासन ने धनगढ़ी से मोहन इलाके तक धारा 144 लागू कर दी थी. इसके बाद भी स्थानीय लोग इस प्रतिबंधित क्षेत्र में रुक रहे हैं. यहां पर रुककर पार्टी कर रहे हैं. शनिवार देर रात भी 3 दोस्त इस प्रतिबंधित इलाके में बैठकर शराब पी रहे थे, तभी घात लगाकर बैठा बाघ उनमें से एक को खींच ले गया.
जानकारी मिली कि तीन दोस्त जिम कार्बेट इलाके में बैठे हुए थे, तभी अचानक बाघ ने उन पर हमला बोल दिया. उनमें से एक युवक को बाघ अपने जबड़े में दबाकर ले जंगल में खींच ले गया.
सूचना के बाद स्थानीय पुलिस के साथ ही वन विभाग की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंचीं. लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी युवक का शव नहीं मिल पाया. इसके बाद वन विभाग ने काफी सर्च किया और आखिरकार सोमवार को युवक का शव बरामद किया गया. मृतक की पहचान रामनगर के ही रहने वाले नफीस के रूप में हुई है.
वन विभाग के अनुसार, अब तक इस पूरे इलाके में एक दर्जन से अधिक लोगों की टाइगर के अटैक से मौत हो चुकी है. पिछले लंबे समय से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, रामनगर वन प्रभाग इस पूरे क्षेत्र में टाइगर की खोज कर रहा है, लेकिन अब तक खूंखार जानवर हाथ नहीं लग सका है.
कई टीमें वन विभाग ने गठित की हैं. टाइगर की खोजबीन के लिए हाथियों की मदद ली जा रही है. साथ ही ड्रोन कैमरों से भी सर्चिंग जारी है. डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है. इसके साथ ही साथ वन विभाग और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की टीमें मुख्य मार्ग और जंगल क्षेत्र में गश्त कर रही हैं.
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई स्थानों पर पिंजरे भी लगाए हैं, लेकिन शातिर बाघ इन सब चीजों के बाद भी बचकर निकल रहा है और लगातार नेशनल हाइवे पर लोगों को शिकार बनाता जा रहा है.
वहीं, रामनगर प्रशासन और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के साथ ही वन विभाग हर रोज लोगों से अपील कर रहा है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में जहां लगातार बाघ अपना लोगों को शिकार बना रहा है, उस क्षेत्र में न जाएं. शाम होने के बाद तो बिल्कुल भी उस क्षेत्र में आवाजाही के लिए मना किया गया है. लगातार पोस्टर, बैनर और मीडिया के माध्यम से लोगों को आगाह किया जा रहा है, लेकिन लोग मानने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसका खामियाजा अपनी जान गंवाकर उठा रहे हैं.