शराब नहीं मिली तो भाई का शव छोड़कर भाग गया शख्स, DM ने NGO को शव के दाह संस्कार की दी जिम्मेदारी

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Update: 2022-05-05 16:41 GMT

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बुधवार को मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया. यहां एक व्यक्ति अपने सगे भाई का शव महज इसलिए छोड़कर भाग गया, क्योंकि उसे पीने के लिए शराब नहीं मिली. बाद में जेल प्रशासन के कहने पर डीएम ने एक NGO को शव के दाह संस्कार की जिम्मेदारी दी.

इसके बाद स्माइल रोटी बैंक एनजीओ के संचालक आजाद पांडेय ने शव को राजघाट ले जाकर राप्ती नदी तट पर विधि विधान से दाह संंस्कार कराया. आजाद पांडे कोरोना काल में भी कई लावारिस लाशों का दाह संस्कार करा चुके हैं.
दरअसल, गोरखपुर मंडलीय जेल में बंद अंडर ट्रायल बंदी की सोमवार की रात इलाज के दौरान मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्चरी में रखवा दिया. बंदी कच्ची शराब बेचने के आरोप में जेल भेजा गया था और उसका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. जेल प्रशासन की सूचना पर उसका भाई आया, लेकिन उसने शराब की डिमांड की. जब उसे पीने के लिए शराब नहीं मिली तो वह शव छोड़कर भाग गया.
जेलर प्रेम सागर शुक्ला ने बताया कि बिहार के मोतिहारी जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव निवासी 35 वर्षीय रमेश पांडेय गोरखपुर में रहता था. राजघाट पुलिस ने रमेश पांडेय को सितंबर 2021 को कच्ची शराब के साथ गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम व धारा 272 के तहत केस दर्ज कर जेल भेजा गया.
21 अप्रैल को उसकी तबीयत खराब होने के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत गंभीर होने पर उसे 30 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. सोमवार देर रात उसकी मौत हो गई. जेलर प्रेम सागर शुक्ला ने बताया कि मृत बंदी का भाई आया था. उसके रहने की व्यवस्था की गई थी. उसे शराब की तलब लगी थी. शराब नहीं मिलने पर वह पता नहीं क्यों शव को छोड़कर भाग गया. इसके बाद डीएम को सूचना देकर दाह संस्कार की व्यवस्था कराई गई.
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