दहेज का चेक हुआ बाउंस तो पत्नी का मर्डर: 300 सीसीटीवी कैमरे की जांच, कॉल डिटेल्स चेक कीं तो खुला ये राज
दहेज में मिले 5 लाख रुपये का चेक बाउंस होने पर गुस्साए शख्स ने पत्नी की हत्या कर दी।
नई दिल्ली: दहेज में मिले 5 लाख रुपये का चेक बाउंस होने पर गुस्साए शख्स ने पत्नी की हत्या कर दी। यह शख्स कोई मामूली व्यक्ति नहीं है बल्कि शिक्षा के पेशे से जुड़ा दिल्ली यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर है। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में पत्नी की हत्या की साजिश में शामिल असिस्टेंट प्रोफेसर को पुलिस ने भतीजे समेत गिरफ्तार कर लिया है। अब तक पुलिस तीन लोगों को इस मामले में पकड़ चुकी है। पुलिस के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर ने दहेज में मिला चेक बाउंस होने की वजह से हत्या की साजिश रची थी। पुलिस के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर वीरेंद्र पत्नी पिंकी और बुजुर्ग माता पिता के साथ रहा था। करीब 9 महीने ही पिंकी से उसकी शादी हुई थी।
वीरेंद्र का कहना है कि शादी के बाद से ही उसकी पत्नी से नहीं बनती थी और अकसर झगड़े होते थे। यह घटना सोमवार की है, जब वीरेंद्र के दूर के भाई राकेश ने सोमवार देर शाम को पिंकी की संत नगर स्थित घर में हत्या कर दी। फिर खुद ही पुलिस के पास जाकर जुर्म स्वीकार कर लिया था। अभी तक पुलिस राकेश को ही मुख्य आरोपी मान कर चल रही थी, लेकिन वह जब घटना को लेकर अलग-अलग बातें करने लगा तो पुलिस को शक हुआ। फिर आगे की पूछताछ में जो खुलासा हुआ, उसे सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई। राकेश ने बताया कि वीरेंद्र ने अपने भतीजे गोविंदा और उसके साथ मिलकर 15 दिन पहले ही पत्नी की हत्या की साजिश रची थी।
वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसकी इसी साल 16 फरवरी को पिंकी से शादी हुई थी। इस दौरान पिंकी के परिवार वालों ने दहेज के तौर पर 5 लाख रुपये का चेक दिया था। लेकिन यह चेक बैंक में बाउंस हो गया। इसके चलते वह ठगा हुआ महसूस कर रहा था और तब से ही उसकी पत्नी से नहीं बन रही थी। अगस्त में पिंकी ससुराल पहुंची तो उसने राकेश से घर से जाने को कहा। इसके बाद से ही उसकी हत्या का प्लान बनने लगा था। दोनों ने मिलकर प्लान बनाया था कि हत्या के बाद राकेश सरेंडर कर देगा और वीरेंद्र मां-बाप की देखभाल के लिए घर पर रहेगा। इसके बाद वह उसे बेल दिलाने के लिए प्रयास करेगा।
जांच में शामिल पुलिस अधिकारी ने बताया कि राकेश के आत्मसमर्पण करने पर वीरेंद्र को अस्पताल से बुलाया गया। पुलिस ने घटना की जानकारी नहीं दी थी और वह भी इस तरह व्यवहार कर रहा था कि उसे कुछ मालूम नहीं है। पुलिस ने वीरेंद्र और राकेश के कॉल डिटेल्स और मोबाइल की लोकेशन की जांच की। घटना से पहले और बाद में दोनों की बात हुई थी। करीब तीन सौ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। इसके बाद वीरेंद्र की संलिप्तता का सुराग लगा। जब पुलिस ने सबूतों को सामने रखकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और अपने भतीजे गोविंद को भी इसमें शामिल बताया।